घूस कांड में गौतम अदाणी अकेले नहीं फंसे. परिवार के एक सदस्य सागर अडाणी भी फंसे हैं. जांच को लेकर जो कहानी सामने आई उससे लगता है कि सागर अदाणी के कारण ही गौतम अदाणी घूस कांड के दलदल में फंस गए. वैसे कहा जाए तो सागर अदाणी ने भी नहीं, बल्कि सबसे बड़ा रोल प्ले किया सागर अदाणी के फोन ने जो एफबीआई के हाथ गया और खुलते गए सारे राज.
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मार्च 2023 में Foreign Corrupt Practices Act के उल्लंघन की जांच करते हुए एफबीआई सागर अदाणी तक पहुंची थी. सर्च वारंट इश्यू करके फोन जब्त किया था. घूस कांड के कई राज उसी से निकले. सागर ने फोन में ही सोलर डील से जुड़ी घूस कांड की डिटेल्स सेव की हुई थी. किस राज्य के अधिकारियों को पैसे दिए जाना है, कितने पैसे देना है, कितनी बिजली खरीदी जाएगी, प्रति मेगावाट रिश्वत का रेट क्या होगा, ये सब लिखा हुआ मिला.
सागर का फोन लिखित और डॉक्यूमेंटेड सबूत बना कि भारत में अधिकारियों को घूस दी गई. गौतम अदाणी के साथ सागर भी आरोपी बने investors and financial institutions को घूस प्लान के बारे में गुमराह करने और गलत जानकारी देने के लिए.
अमेरिकी डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक सागर अदानी ने घूस की पेशकश की डिटेल जानने के लिए अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया. ऐसी ही गलती अदानी ग्रीन एनर्जी के सीईओ विनीत जैन ने भी की. विनीत जैन ने अपने फोन में घूस से जुड़ा डॉक्यूमेंट रखा था जिससे घूस की रकम आठ करोड़ डॉलर दिखी.
अदाणी ग्रीन एनर्जी के डायरेक्टर हैं सागर
अमेरिकी की एज्योर पावर और सरकारी कंपनी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन के साथ अदाणी की जिस कंपनी की डील थी वो अदाणी ग्रीन एनर्जी नाम की कंपनी हैं. सागर इसी कंपनी के Executive Director हैं. कंपनी सोलर और विंड पावर बिजनेस में काम करती है. सब कुछ सागर के जिम्मे है. 2015 में सागर कंपनी में आए. अब 10 साल होने जा रहे हैं. कहा जाता है कि अदाणी का ये वाला बिजनेस सागर का ही ब्रेन चाइल्ड है. 2030 तक दुनिया के सबसे बड़ा renewable energy पार्क बनाने के मिशन पर हैं.
अदाणी ज्वाइन करने से पहले सागर ने अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में डिग्री ली.
गौतम अदाणी के भतीजे हैं सागर
सागर गौतम अदाणी परिवार के ही बच्चे हैं. रिश्ते में गौतम अदाणी के भतीजे लगते हैं. सागर के पिता राजेश अदाणी और गौतम अदाणी सगे भाई हैं. राजेश अदाणी ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी अदाणी इंटरप्राइजेज के एमडी हैं. अदाणी ग्रुप के ऑपरेशंस, बिजनेस रिलेशंस को देखते हैं. जब गौतम अदाणी इतने बड़े बिजनेस नहीं थे तब उन्होंने भाई विनोद अडानी और राजेश अडानी के साथ ही कमोडिटी ट्रेडिंग कंपनी शुरू की थी. वहीं से हुई अदाणी के बिजनेस एंपायर बनने की शुरूआत.
70 साल में रिटायरमेंट का दिया था संकेत
5 अगस्त को गौतम अदाणी ने ब्लूमबर्ग को इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने 70 साल में रिटायर होने का संकेत दिया था. अदाणी के भाई विनोद, राजेश, प्रवीण भी ग्रुप में अलग-अलग रोल में हैं, लेकिन उत्तराधिकारी की चर्चा होने के बाद चार नाम सामने आ रहे हैं. गौतम अदाणी के अपने दो बेटे करण और जीत. चचेरे भाई प्रवीण अदाणी और राजेश अदाणी के बेटे सागर अदाणी हैं. इन चारों में सबसे सीनियर प्रवीण हैं और सबसे ज्यादा समय से बिजनेस में एक्टिव हैं. जीत सबसे जूनियर हैं.
कौन बनेगा गौतम अदाणी का उत्तराधिकारी?
हालांकि अभी गौतम अदाणी 62 साल के हैं. 70 साल होने में अभी काफी समय है. 2030 या उसके बाद क्लियर होगा कि कौन बनेगा अदाणी का उत्तराधिकारी. गौतम अदाणी ने भी किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन चार संभावित उत्तराधिकारियों को लगभग बराबर काम, पोजिशन दी हुई है. प्रवीण अदाणी एग्रो, ऑयल, गैस के एमडी हैं. अदाणी एंटरप्राइजेज के भी डायरेक्टर हैं. करण अदाणी अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड के एमडी हैं. सागर के पास ग्रीन एनर्जी है और जीत अदाणी अदाणी एयरपोर्ट्स और डिजिटल लैब्स देखते हैं.
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