जब कोई आगंतुक आता है तो भारतीय परंपरा के अनुसार उसके जलपान की व्यवस्था की जाती है. इसमें मिठाई, केक समोसे-पकौड़े या अन्य खाद्य सामग्री होती है. हिमाचल प्रदेश का ये मामला भी जलपान से ही जुड़ा है. जलपान में 'सामोसे-केक' के डिब्बों से. ये जलपान किसी और के लिए नहीं बल्कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए आए थे जो उनतक पहुंच नहीं पाए.
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अब आप ये कहेंगे कि बात तो महज इतनी सी ही है. फिर इसमें सीआईडी जांच क्यों? दरअसल मामला 21 अक्टूबर का है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू CID मुख्यालय पहुंचे थे और उनके लिए जलपान मंगाया गया. समोसे और केक तो सीएम सुक्खू के लिए मंगाए गए पर ये पहुंच गए सुरक्षाकर्मियों तक. वे बिना इस बात को जान नहीं पाए और केक के साथ समोसे का स्वाद लेकर चाय की चुस्की ले ली. चूंकि मामला सीआईडी मुख्यालय में हुआ तो बैठ गई सीआईडी जांच.
सीआईडी रिपोर्ट भी आ गई, पता चल गया गलती कैसे हुई
इधर मामले में सीआईडी की रिपोर्ट भी आ गई. जांच रिपोर्ट के मुताबिक सीएम के आने के कार्यक्रम को देखते हुए एक आईजी रैंक के अधिकारी ने एक सब इंस्पेक्टर को अपने दफ्तर में बुलाकर शिमला के लक्कड़ बाजार स्थित होटल रेडिसन ब्लू से जलपान लाने का आदेश दिया. एक SI और एचएचसी चालक खाद्य सामग्री लाने गए और होटल से समोसे और केक के तीन डिब्बे लेकर आए. उन्होंने ये सामान इंस्पेक्टर रैंक की एक महिला अधिकारी सौंप दिया.
जलपान ऐसे पहुंच गया सुरक्षाकर्मियों तक
इसके बाद इंस्पेक्टर पूजा ने यह सामान एक उच्च पदस्थ अधिकारी के कमरे में रखवा दिया. इन डिब्बों को यहां से भी कहीं और रख दिया गया. जांच के दौरान अधिकारियों ने अपने बयान में कहा कि जब उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से पूछा कि क्या इन डिब्बों में रखे फूड आइटम्स सीएम को परोसे जाने हैं, तो उनका जवाब था- सीएम के मेन्यू में ये नहीं है.
चूंकि सीएम के साथ आने वाले स्टॉफ के लिए जलपान का जिम्मा एमटीओ और एचएएसआई को सौंपा गया था. इधर ये तीनों बॉक्स एमटीओ और एचएएसआई को सौंप दिया गया. उन्होंने समोसे और केक सीएम की सुरक्षा में आए सुरक्षाकर्मियों को दे दिया. महिला अधिकारी का कहना था कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि बॉक्स में रखे समोसे और केक सीएम के लिए हैं.
ये CID का आंतरिक मामला
समोसा विवाद पर डीजी सीआईडी संजीव रंजन ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे. जब कार्यक्रम खत्म हुआ तो अधिकारियों से ये पूछा गया कि कुछ सामान लाया गया था, उसका क्या हुआ. बस इतनी ही बात थी. उन्होंने कहा कि यह CID का आंतरिक मामला है. ये बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और इसका राजनीतिकरण कर दिया गया. उन्होंने ये भी साफ किया कि इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई और कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया है.
इनपुट: अमन भारद्वाज/असीम बस्सी
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