Supreme Court और सरकार के बीच ठन गई? देखिए कैसे फंसा बड़ा मामला

इन दिनों एक ऐसा बड़ा मुद्दा उठा है, जिससे केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. मामला है तमिलनाडु सरकार और वहां के राज्यपाल आरएन रवि से जुड़ा हुआ. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक बड़े फैसले में कहा कि राष्ट्रपति के पास राज्यपाल की तरफ से भेजे गए विधेयकों पर 'पॉकेट वीटो' लगाने का अधिकार नहीं है. राष्ट्रपति को 3 महीने के अंदर फैसला लेना अनिवार्य होगा. इस पर अब केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने बड़ा बयान दिया है. इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में आर. वेंकटरमणी ने कहा- इस मामले में राष्ट्रपति की बात नहीं सुनी गई, जबकि सुनी जानी चाहिए थी. अटॉर्नी जनरल ने कहा- इस मामले में राष्ट्रपति का कोई भी पक्ष नहीं था.

न्यूज तक

15 Apr 2025 (अपडेटेड: 15 Apr 2025, 04:00 PM)

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इन दिनों एक ऐसा बड़ा मुद्दा उठा है, जिससे केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. मामला है तमिलनाडु सरकार और वहां के राज्यपाल आरएन रवि से जुड़ा हुआ. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक बड़े फैसले में कहा कि राष्ट्रपति के पास राज्यपाल की तरफ से भेजे गए विधेयकों पर 'पॉकेट वीटो' लगाने का अधिकार नहीं है. राष्ट्रपति को 3 महीने के अंदर फैसला लेना अनिवार्य होगा. इस पर अब केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने बड़ा बयान दिया है. इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में आर. वेंकटरमणी ने कहा- इस मामले में राष्ट्रपति की बात नहीं सुनी गई, जबकि सुनी जानी चाहिए थी. अटॉर्नी जनरल ने कहा- इस मामले में राष्ट्रपति का कोई भी पक्ष नहीं था.

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