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मल्लिकार्जुन खरगे को संसद में औऱ संसद से बाहर सौम्य तरीके से बातचीत करते देखा गया है. विपक्षी पार्टियों के लोग हों या सत्ता दल के, खरगे का सरल अंदाज हर किसी को भा जाता है. 50 साल से ज्यादा का राजनीतिक अनुभव है. लेकिन संसद में गुरुवार को ऐसा क्या हुआ कि खरगे इतने गुस्से में नजर आए जैसा उन्हें पहले कभी देखा नहीं गया.
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