दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से वोटर लिस्ट का मुद्दा उठने लगा है. आने वाले दिनों में बिहार और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में चुनाव होने हैं, वोटर लिस्ट वाले मुद्दे को उठाकर सरकार को घेर रहा है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने फर्जी वोटरों का मुद्दा उठाया और बीजेपी पर वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम जोड़ने का आरोप लगाया. इसके जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि EPIC नंबर में डुप्लिकेशन का मतलब फर्जी मतदाता नहीं होता है, कुछ वोटर्स के मतदाता फोटो पहचान पत्र नंबर समान हो सकते हैं, लेकिन अब कांग्रेस के डेटा एनालिस्ट प्रवीण चक्रवर्ती ने इसे लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है. प्रवीण चक्रवर्ती ने एक ऐसी लिस्ट निकाली है, जिसमें 3 मतदाताओं के EPIC नंबर यानी Electoral Photo Identity Card नंबर सेम है, उम्र भी एक जैसी है और इनमें से दो मतदाताओं के एपिक नंबर, नाम, उम्र और रिलेटिव के नाम सेम हैं, लेकिन राज्य अलग-अलग हैं. एक हरियाणा की वोटर है, नाम सुमन है और दूसरी पश्चिम बंगाल की वोटर है उसका नाम भी सुमन ही है. तीसरे वोटर का नाम नूरजामल है वो पश्चिम बंगाल का है, इसका एपिक नंबर सेम दोनों सुमनों के एपिक नंबर से मिल रहा है.
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