Ladki Bahin Scheme: महाराष्ट्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' को लेकर जानकारी सामने आई है. अमरावती के आरटीआई कार्यकर्ता अजय बोस की RTI ये खुलासा हुआ है कि, 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' के विज्ञापनों पर अब तक 200 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके है. इस खुलासे के बाद से ही प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. आइए आपको बताते हैं आखिर क्या है ये योजना और RTI से क्या हुआ खुलासा.
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पहले जानिए क्या है 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना'?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के 2024-25 बजट में महिलाओं को 1500 रुपये मासिक देने की योजना की घोषणा की थी. यह भत्ता 21 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं को मिलेगा. सभी विवाहित, अविवाहित, परित्यक्ता, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाएं इसके लिए पात्र हैं. आवेदकों की पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. आवेदक का किसी भी बैंक में अपने नाम से बैंक खाता होना चाहिए.
वित्त मंत्री अजित पवार ने इस योजना के लिए सालाना बजटीय आवंटन 46000 करोड़ रुपये किया जाएगा. राज्य में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले इसे लागू किया गया.
योजना के विज्ञापन पर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा हुए खर्च: RTI
अमरावती के RTI कार्यकर्ता अजय बोस ने 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' को लेकर सूचना के अधिकार के तहत एक RTI डाला हुआ था. RTI के जवाब में इस योजना को लेकर कई खुलासे हुए है. इसमें सबसे बड़ा खुलासा इसके विज्ञापन पर हुए खर्च का है. RTI से मिले जवाब के मुताबिक, 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' के विज्ञापनों पर 200 करोड़ से ज्यादा का खर्च हो चुका है.
इस आंकड़े के आने के बाद शिवसेना(UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि, 'अगर यही पैसे बचाते और बहनों को देते तो ज्यादा अच्छा होता. उन्होंने कहा कि, 'ये महायुती सरकार नहीं बल्कि महाझूठी सरकार है'.
वहीं महाराष्ट्र NCP (अजित पवार) के सुनील तटकरे ने कहा कि, 'मीडिया कैंपेन तो सारी सरकार चलाती है. लोगों तक योजना पहुंचाना होता है. केंद्र सरकार भी करती है, इसमें गलत क्या है. जब कोई योजना लाई जाती है तो विज्ञापन का बजट भी होता है ताकि योजना लोगों तक पहुंचे. विपक्ष तो हर चीज का विरोध करती है.'
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