Chandigarh Mayor election: चंडीगढ़ में मेयर के चुनाव के लिए पिछले दिनों से जमकर सियासी खेल चल रहा था. भारी हलचलों के बीच आज मेयर का चुनाव हो गया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पार्षद मनोहर सोनकर को चंडीगढ़ का नया मेयर चुन लिया गया है. मंगलवार सुबह मेयर के लिए हुए मतदान में उन्हें 16 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार को कुल 12 वैध वोट मिले. कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में समर्थन देने का एलान करते हुए अपने मेयर प्रत्याशी जसबीर सिंह बंटी का नामांकन वापस लेकर कुलदीप टीटा को समर्थन दे दिया था. कांग्रेस और AAP के कुल 20 वोट थे और बीजेपी के 15 फिर भी ऐसा कैसे हुआ कि बीजेपी ये चुनाव जीत गई.
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मेयर बनने के लिए क्या थी गणित?
‘म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ चंडीगढ़’ में कुल 36 वोट हैं, एक सांसद का वोट और 35 पार्षदों का. वर्तमान में आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद और कांग्रेस के 7 पार्षद हैं. इन दोनों को मिलाकर INDIA अलायंस के पास कुल 20 वोट थे. कांग्रेस और आप दोनों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. वहीं बीजेपी के पास सिर्फ 14 पार्षद और एक सांसद का वोट था. शिरोमणि अकाली दल के पास भी एक पार्षद था.
फिर कैसे जीत गई बीजेपी?
चंडीगढ़ नगर निगम के कुल 36 वोटों में से बीजेपी के उम्मीदवार पार्षद मनोज सोनकर को 16 वोट पड़े, वहीं गठंबधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 12 वोट मिले, बाकी के बचे आठ वोट कैंसल हो गए. इन आठ वोटों को किस आधार पर कैंसल किया गया अभी तक इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. वोटों में हुए इस उलटफेर से इंडिया गठबंधन का चंडीगढ़ मेयर चुनाव जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया और उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
आप इस मामले को ले जाएगी हाईकोर्ट
आम आदमी पार्टी के पंजाब इंचार्ज जरनैल सिंह ने कहा है कि गठबंधन इस चुनाव के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख करेगा. उन्होंने कहा, ‘भाजपा को देश में तानाशाही लागू करने का फरमान सुना देना चाहिए. कभी आपने सुना है कि आठ वोट रिजेक्ट कर दिए जाएं? भाजपा के नॉमिनेट पार्षदों ने पर्ची फाड़ दी है अब हम कोर्ट का रुख कर रहे हैं. सरे आम लोकतंत्र को शर्मसार किया गया है. भाजपा का मेयर बुरी तरह से हारा है, इसको चुनाव नहीं कहा जा सकता है. अब चंडीगढ़ मेयर का चुनाव कोर्ट की निगरानी में होना चाहिए.’
वहीं अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिन दहाड़े जिस तरह बेईमानी की गई है, वो बेहद चिंताजनक है. यदि एक मेयर चुनाव में ये लोग इतना गिर सकते हैं तो देश के चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं. ये बेहद चिंताजनक है.’
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