New Vaishno Devi Seat: देश में हाल ही में लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए. दो बार से पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही बीजेपी को इस बार अकेले दम पर बहुमत नहीं मिल पाया. राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन (NDA) के अपने सहयोगियों के दम पर पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रही. इस चुनाव में पार्टी को सीटों में कमी, किसी सीट पर पिछले चुनाव में बहुत मजबूत होने के बावजूद भी पार्टी हार गई इन्हीं सब के साथ कई खेमों पर कांग्रेस के नेतृत्व में बनी INDIA अलायंस से मात का सामना करना पड़ा. वैसे इस चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे निराशाजनक रही फैजाबाद सीट जिसमें अयोध्या पड़ता है वहां पार्टी की हार हुई.
ADVERTISEMENT
वही अयोध्या जहां 22 जनवरी को बड़े धूम-धाम से PM मोदी ने दशकों के लंबे इंतजार के बाद राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की थी. केंद्र सरकार और बीजेपी पर ये आरोप लगा कि, लोकसभा चुनाव से पहले अधूरे मंदिर की आनन-फानन में प्राण प्रतिष्ठा कराई गई. फिर भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव हो रहे है. अयोध्या की तरह वहां भी हिन्दू धार्मिक तौर पर महत्वपूर्ण नई वैष्णो देवी सीट है. अयोध्या में राम मंदिर है वहीं वहां वैष्णो देवी मंदिर हैं. बीजेपी अयोध्या में हार गई जिसपर उसे काफी फजीहत सहनी बड़ी अब पार्टी को अगली बड़ी चुनौती नई वैष्णो देवी सीट है. आइए आपको बताते हैं क्या है वहां का चुनावी समीकरण.
मझधार में फंस गई है बीजेपी?
इस बार के विधानसभा चुनाव में नई वैष्णो देवी सीट पर बीजेपी को कुल सात उम्मीदवारों का सामना करना पड़ रहा है. वैसे आपको बता दने कि, इस सीट पर दूसरे चरण में मतदान हो चुके है. लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की फैजाबाद सीट जहां अयोध्या राम मंदिर पड़ता है पर हार के बाद, पार्टी ने 'श्री माता वैष्णो देवी सीट' पर कोई कसर नहीं छोड़ी. हालांकि, यहां बीजेपी के जीत की की संभावनाएं बड़ी मुश्किल लग रही है. इसके पीछे की वजह है पार्टी के उम्मीदवार उम्मीदवार बलदेव राज शर्मा जो पहले रियासी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे उन्हें इस बार बहुकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ा.
वैसे आपको बता दें कि, दूसरे चरण में 25 सितंबर को हुई वोटिंग में सबसे ज्यादा मतदान 80 फीसदी यहीं हुआ. श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा सीट पर कुल 56506 मतदाता हैं, जिनमें से पुरुष वोटरों की संख्या 29660 है, जबकि महिला वोटरों की तादाद 26846 है.
कांग्रेस और निर्दलीय भी बढ़ा रहे हैं बीजेपी की मुसीबत
इस सीट पर बीजेपी के बलदेव शर्मा के सामने कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह कटरा और वैष्णो देवी मंदिर के बीच ट्रैक पर काम करने वाले पोनीवालों और पिठुओं के संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. शर्मा को इस सीट पर लगभग 9000 मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन की उम्मीद है. पूर्व मंत्री जुगल किशोर, जो कांग्रेस छोड़कर गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी में शामिल हो गए थे, वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा में भेजती है.
ADVERTISEMENT