अजित पवार ने ओपन लेटर लिखकर किया बड़ा खुलासा, बीजेपी-शिवसेना में शामिल होने को लेकर ये कहा

प्रियंका भल्ला

27 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 27 2024 4:43 AM)

अजित पवार ने अपने लेटर में लिखा हैं, मेरे मन में हमेशा बड़ों के प्रति सम्मान की भावना रही है, मेरा इरादा बुजुर्गों और वरिष्ठजनों का अनादर करना नहीं है. बल्कि मेरा विचार है कि, आने वाले वक्त वक्त में लोगों का जीवन स्तर कैसे बेहतर हो.

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Ajit Pawar Letter: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों काफी उथल पथल मचा हुआ है. दरअसल, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने एक ओपन लेटर लिखा हैं जिसमें उन्होंने बयान जारी करते हुए बताया हैं कि, आखिर क्यों उन्होंने अपना पाला बदल कर बीजेपी और शिवसेना से हाथ मिलाया. बता दें कि, अजीत पवार ने 25 फरवरी को अपने सोशल मीडिया x पर एक लेटर शेयर किया.  लेटर में उन्होंने अपने चाचा शरद पवार का साथ छोड़ने और पाला बदलने की वजहों का खुलासा करते हुए एक महत्वपूर्ण बात कही है. अजित पवार ने अपने लेटर में ये कहा हैं कि, उनकी कार्यशैली पीएम मोदी और अमित शाह की तरह है. साथ ही उन्होंने बिना किसी का नाम लिए इस बात पर भी जोर दिया कि, उनका बुजुर्गों का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था.

अजीत पवार ने अपने पत्र को मराठी में शेयर किया हैं जिसके हिंदी अनुवाद के मुताबिक उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि-

मुझे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में इस देश में किए जा रहे विकास कार्य महत्वपूर्ण लगे. मुझे उनके नेतृत्व और देश के लिए सही फैसले लेने के कदम पसंद हैं, क्योंकि मेरी कार्यशैली और उनकी कार्यशैली बहुत हद तक समान हैं. मुझे काम से अधिक प्यार है और मुझे लगा कि मैं पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपने भविष्य की विकास योजनाओं को जमीनी स्तर पर ढंग से लागू कर पाऊंगा. मैंने महाराष्ट्र के विकास के लिए इस गठबंधन में अपनी भूमिका तय की है और हमारे सत्ता में आने के बाद विकास कार्यों को तेजी मिली है.

हालांकि, अजीत पवार ने अपने इस पत्र में ये भी लिखा हैं कि, उनका फैसला पार्टी की पीठ में छुरा घोंपने के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्ति करने के लिए है कि, महाराष्ट्र के लोगों को सभी बुनियादी और मौलिक सुविधाएं कैसे मिले.

अपने पत्र में अजीत पवार ने आगे लिखा हैं कि, मेरे मन में हमेशा बड़ों के प्रति सम्मान की भावना रही है, मेरा इरादा बुजुर्गों और वरिष्ठजनों का अनादर करना नहीं है. बल्कि मेरा विचार है कि, आने वाले वक्त वक्त में लोगों का जीवन स्तर कैसे बेहतर हो. मैं अपने साथियों को साथ लेकर चलने और युवाओं को विभिन्न स्थानों पर अवसर देने की भावना रही है. आज भी मैंने सिर्फ स्टैंड लिया है, साफ स्टैंड है कि सत्ता है तो विधानसभा क्षेत्र समेत प्रदेश में सभी विकास कार्य तेजी से होंगे. मैं राज्य की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी किसी की व्यक्तिगत आलोचना करने से बचेगी और विकास का खाका राज्य की जनता के सामने लाएगी. मेरा किसी का अनादर करने का इरादा नहीं था और अनादर नहीं होगा.

अजीत पवार ने इस पत्र में अपने राजनीति में आने और काम करने का भी जिक्र किया हैं. उन्होंने लिखा हैं कि-

1991 से मैं सही मायनों में राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ रहा हूं. मुझे राजनीति में कौन लाया, किसने मुझे मंत्री पद दिया, किसने मुझे अवसर दिए, इस पर बहुत चर्चा हुई. दरअसल मुझे राजनीति में मौका संयोग से मिला. उस समय प्रदेश स्तर पर नेतृत्व के लिए एक युवा की जरूरत थी तो परिवार के सदस्य के रूप में मुझे वह मौका मिला. अवसर मिलने के बाद मैंने उस अवसर का लाभ उठाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की और अन्य सभी जिम्मेदारियों को अनदेखा किया. मैंने खुद को सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित कर दिया, यह यात्रा तीन दशकों से अधिक समय से चल रही है. 

बहरहाल आपको बता दें कि, अजित पवार जुलाई 2023 में एनसीपी के आठ विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे. अजीत के इस कदम के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल बड़ गई थी. वहीं शरद पवार गुट ने विधानसभा स्पीकर से पार्टी तोड़ने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. हालांकि विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता को लेकर 15 फरवरी को फैसला सुनाते हुए अजित गुट को ही असली एनसीपी करार दिया था और उनके गुट के 41 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया था.

वहीं, इससे पहले 6 फरवरी को चुनाव आयोग ने भी अजित पवार के गुट को ही असली एनसीपी करार देते हुए कहा था कि, बहुमत के आधार पर अजित गुट ही असली एनसीपी है. सिर्फ इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने अजित गुट वाली एनसीपी को ही चुनाव चिह्न घड़ी के इस्तेमाल का भी अधिकार दिया था. वहीं सात फरवरी को शरद पवार वाले गुट को नया नाम नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार दिया गया था. वैसे आपको बता दें कि, अब शरद पवार की पार्टी का नया चुनाव चिह्न ‘तुरहा’ बजाता हुआ आदमी है. 

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