सुप्रीम कोर्ट में आज NEET-UG पर बड़ी सुनवाई, क्या फिर से होंगे NEET-UG एग्जाम? समझिए 

संजय शर्मा

• 09:56 AM • 11 Jul 2024

NEET-UG Paper Leak Case: IIT मद्रास के विश्लेषण से पता चलता है कि ना तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का कोई संकेत है और ना ही किसी खास सेंटर के उम्मीदवारों को मदद मिली जिसके चलते उन्होंने असामान्य स्कोर मिला हो.

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NEET-UG Paper Leak Case: NEET-UG मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई है. देशभर के छात्रों के भविष्य का सवाल है. ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या नीट यूजी 2024 परीक्षा रद्द होगी और फिर से NEET-UG एग्जाम होंगे? संभव है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार, NTA और CBI की ओर से एफिडेविट सब्मिट किए गए हैं. आइए आपको बताते हैं केंद्र और NTA ने अपने शपथ पत्र में क्या कुछ कहा है?

सुप्रीम कोर्ट में छात्रों ने जो याचिका दायर की है, उसमें कथित पेपर लीक मामले की दोबारा परीक्षा कराने और उचित जांच की मांग की गई है. CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मेडिकल प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ियों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. केंद्र और NTA ने 5 मई को आयोजित परीक्षा में किसी भी तरह की सामूहिक गड़बड़ी से इनकार किया है. अब सीबीआई भी सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करेगी. इससे पहले बुधवार को केंद्र सरकार और एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने हलफनामा दाखिल किया था. केंद्र सरकार पहले ही कोर्ट को बता चुकी है कि वो NEET परीक्षा दोबारा कराने के पक्ष में नहीं है. 

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और NTA से यह भी पूछा था कि प्रश्न पत्र कैसे सुरक्षित रखा गया था, उसे कैसे एग्जाम सेंटर तक भेजा गया और संभावित लीक कैसे हो सकता है? इस पूरी प्रक्रिया के संबंध में अपने हलफनामे दाखिल करें. कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि जांच की प्रगति और कथित पेपर लीक के प्रभाव की सीमा से कोर्ट संतुष्ट नहीं है तो सिर्फ अंतिम उपाय के रूप में दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जाएगा.

CJI ने कहा था कि, यदि परीक्षा की पवित्रता खत्म हो जाती है तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. यदि दागी और बेदाग को अलग करना संभव नहीं है तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. यदि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पेपर लीक हुआ है तो ये जंगल में आग की तरह फैल सकता है और बड़े पैमाने पर लीक हो सकता है.

जानिए केंद्र सरकार के हलफनामे की मुख्य बातें?

-  सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में सरकार ने कहा, गड़बड़ी में शामिल लोगों की पड़ताल डेटा एनालिसिस के जरिए करने के लिए मद्रास IIT से गुजारिश की गई है.

- जिनको ज्यादा नंबर आए हैं उनका डाटा विश्लेषण बताता है कि बड़ी अनियमितता नहीं हुई है. क्योंकि ग्राफ ऊपर उठने के साथ ही जल्दी ही नीचे गिर जाता है. यानी घंटी के आकार का ग्राफ है.

- केंद्र सरकार ने कहा है कि जांच के साथ ही एहतियातन NEET काउंसिलिंग भी जुलाई के तीसरे हफ्ते में कराने का निर्णय लिया गया है.

- काउंसलिंग चार चरणों में होगी, ताकि किसी भी किस्म की गड़बड़ी का फायदा उठाकर आने वाले छात्र की पहचान और पड़ताल इन चार चरणों में हो ही जाए. जहां पता चला, वहीं उसे बाहर कर दिया जाएगा.

- केंद्र सरकार ने पहले भी कोर्ट को बताया है कि वो NEET की परीक्षा दोबारा कराने के समर्थन में नहीं है. केंद्र ने कहा है कि वो यह सुनिश्चित कर रहा है कि 23 लाख अभ्यर्थियों पर ‘अप्रमाणित आशंकाओं’ के आधार पर दोबारा परीक्षा का बोझ ना डाला जाए.

- केंद्र सरकार ने कहा है कि वो ये सुनिश्चित कर रहा है कि गलत तरीके से फायदा उठाने के दोषी किसी भी अभ्यर्थी को कोई लाभ ना मिले.

- केंद्र ने यह भी कहा कि काउंसलिंग जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होकर चार चरणों में आयोजित की जाएगी. यदि कोई अभ्यर्थी किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का शिकार पाया जाता है तो उसकी उम्मीदवारी काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान या उसके बाद भी किसी भी स्तर पर रद्द कर दी जाएगी.

IIT मद्रास के विश्लेषण से क्या पता चला?

शिक्षा मंत्रालय ने IIT मद्रास से आग्रह किया था कि वो नीट परीक्षा 2024 के उम्मीदवारों का डेटा एनालिसिस करने में मदद करें. IIT मद्रास ने  शहरवार और केंद्रवार 2 सालों (2023 और 2024) का विश्लेषण किया. यह विश्लेषण शीर्ष 1.4 लाख रैंक के लिए किया गया है.

- IIT मद्रास के विश्लेषण से पता चलता है कि ना तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का कोई संकेत है और ना ही किसी खास सेंटर के उम्मीदवारों को मदद मिली जिसके चलते उन्होंने असामान्य स्कोर मिला हो.

- IIT मद्रास की स्टडी के मुताबिक छात्रों को मिले अंकों में समग्र वृद्धि हुई है. खासतौर से 550 से 720 अंकों के बीच. अंकों में ये बढ़ोतरी लगभग सभी शहरों और केंद्रों में देखी गई है. इसकी वजह सिलेबस में 25% की कटौती है.

- जिन छात्रों ने ज्यादा अंक हासिल किए हैं, वो अलग-अलग शहरों और अलग-अलग सेंटर के है जो बड़े पैमाने पर किसी गड़बड़ी की संभावना को खारिज करता है.

NTA ने हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा?

- NTA ने कहा, कथित गड़बड़ी सिर्फ पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए. यह कहना गलत है कि उच्च अंक लाने वाले छात्र सिर्फ कुछ केंद्रों से हैं. गड़बड़ी में शामिल छात्रों के रिजल्ट रोक दिए हैं और उन्हें दंडात्मक कार्रवाई और निष्कासन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं.

- पटना/ हजारीबाग मामले में कोई प्रश्न पत्र गायब नहीं पाया गया है. प्रत्येक प्रश्न पत्र में एक अद्वितीय क्रमांक होता है और उसे एक विशेष उम्मीदवार को सौंपा जाता है.

- कोई भी ताला टूटा हुआ नहीं मिला. एनटीए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में कुछ भी प्रतिकूल नहीं बताया गया.

- कमांड सेंटर में सीसीटीवी कवरेज की लगातार निगरानी की गई. कोई अप्रिय घटना या पेपर लीक होने का कोई संकेत नजर नहीं आया.

- टेलीग्राम पर हुए कथित लीक को NTA ने नकारा है. NTA ने कहा, 4 मई को टेलीग्राम पर लीक हुए परीक्षा पेपर की तस्वीर दिखाई गई है, लेकिन एक तस्वीर, जिसे एडिट किया गया था, वो 5 मई, 2024 को 17:40 बजे का टाइमस्टैम्प प्रदर्शित करती है.

- इसके अतिरिक्त, टेलीग्राम चैनल के भीतर चर्चा से संकेत मिलता है कि सदस्यों ने वीडियो को नकली बताया.

- प्रारंभिक लीक की गलत धारणा बनाने के लिए टाइमस्टैम्प में हेरफेर किया गया था.

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