Hemant Soren news: इस वक्त झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं. हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर सोमवार को इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) के अफसर पूछताछ के लिए पहुंचे और फिर सूत्रों के हवाले से खबर आई कि वह ‘लापता’ हैं. जांच एजेंसी ने दावा किया कि उनका हेमंत सोरेन से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इस बीच झारखंड में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हेमंत सोरेन को लेकर और भी विस्फोटक दावे कर दिए. पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बाबुलाल मरांडी ने तो यहां तक लिख दिया कि ED के डर से हेमंत सोरेन देर रात चप्पल पहन, चादर से मुंह ढंककर पैदल ही अपने आवास से भाग गए.
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बाबुलाल मरांडी के इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है.
इस बीच हमारे सहयोगी इंडिया टुडे ने हेमंत सोरेन का वह लेटर हासिल किया है, जो उन्होंने ईडी को लिखा है. यह लेटर 29 जनवरी को ही लिखा गया है. इसमें उन्होंने ED पर राजनीतिक दुश्मनी साधने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें झूठे फंसाने की सियासी साजिश है. हेमंत सोरेन ने ईडी पर उनके चरित्र हनन की कोशिश का भी आरोप लगाया है. हेमंत सोरेन ने कहा है कि प्रेस में गलत जानकारी भेजी जा रही है, जिससे उनका मीडिया ट्रायल हो रहा है. इस लेटर में हेमंत सोरेन ने 20 जनवरी को हुई पूछताछ का भी जिक्र किया है.
आधी रात को निकल गए हेमंत सोरेन?
आपको बता दें कि ईडी की एक टीम सोमवार 29 जनवरी को दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंची. हालांकि, ईडी सूत्रों की मानें, तो सोरेन अपने घर पर नहीं थे और आधी रात को अज्ञात स्थान पर चले गए. जांच एजेंसी ने पिछले हफ्ते सोरेन को नया समन जारी कर कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 29 जनवरी या 31 जनवरी को अपनी उपलब्धता की पुष्टि करने के लिए कहा था. ईडी के मुताबिक यह जांच ‘जमीन के ओनरशिप में माफिया द्वारा अवैध परिवर्तन के बड़े रैकेट’ से संबंधित है.
29 जनवरी के अपने पत्र में सोरेन ने ED को बताया है कि वह 31 जनवरी को दोपहर 1 बजे अपने आवास पर पूछताछ के लिए उपस्थित होंगे. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक हेमंत सोरेन ने रविवार को ईडी को एक ईमेल भी भेजा है. इसमें भी उन्होंने बताया कि वह 31 जनवरी को अपना बयान दर्ज कराने के लिए मौजूद रहेंगे. इस ईमेल में हेमंत सोरेन ने ईडी से कहा है कि वह 20 जनवरी को उनसे की गई सात घंटे की पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखें ताकि उसे कोर्ट को उपलब्ध कराया जा सके.
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