Gujrat Lok Sabha Election: गुजरात के लोकसभा चुनाव में इस बार गजब की लड़ाई देखने को मिली. पिछली बार जहां बीजेपी ने प्रदेश की सभी 26 लोकसभा सीटों पर क्लीन स्वीप किया था इस बार पार्टी को अपने प्रदर्शन को बनाए रखने की चुनौती थी वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने को बचाने की लड़ाई लड़ रही थी. चुनाव के बीच प्रदेश में बीजेपी नेता परषोत्तम रूपाला के एक बयान के बाद क्षत्रियों में जबरदस्त उबाल देखा गया. गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश सहित लगभग पूरे देश के क्षत्रियों ने रूपाला और बीजेपी के खिलाफ आंदोलन किए. रूपाला के माफी मांगने के बाद भी उन्होंने बहिष्कार करने का ऐलान किया था. गुजरात में चुनाव खत्म होते ही क्षत्रिय संकलन समिति ने एक बड़ा दावा कर दिया. समिति ने दावा किया है कि, गुजरात में बीजेपी 7 सीटें गवा रही है. हालांकि यह सीटें कौन सी होगी उसपर कुछ नहीं कहा है. यानी गुजरात में बीजेपी को इस चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है.
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क्या कहा क्षत्रिय संकलन समिति ने?
चुनाव की समाप्ति पर क्षत्रिय संकलन समिति ने अपने समर्थन में मतदान करने के लिए क्षत्रिय समाज और सहयोगी समाज का आभार व्यक्त किया. समिति के प्रवक्ता करन सिंह चावडा ने कहा कि, हमारी अस्मिता की लड़ाई के आह्वान को समाज ने समझा और क्षत्रिय समाज और सहयोगी समाज के 80 फीसदी से ज्यादा लोगों ने मतदान किया. उन्होंने आगे कहा, पूरे राज्य मे कम मतदान ये दिखाता है कि लोग सरकार के समर्थन में बाहर नहीं निकले. जहां तक हमारी जानकारी है उस के मुताबिक, प्रदेश में भाजपा 7 सीटें हार रही है. ये सीटें कौन सी है उसमें हम नहीं जाना चाहते. उन्होंने कहा इसमें से 4 सीटें ऐसी है जहां क्लोज फाइट है. उन्होंने दावा किया कि, राजकोट, जामनगर, सुरेन्द्रनगर, भावनगर, कच्छ, आणंद, पाटन, बारडोली जैसी जो क्षत्रिय मतदाता प्रभावी सीटें है वहां क्षत्रिय समाज ने बड़ी संख्या में बाहर निकाल कर मतदान किया है.
फिर से सबसे माफी मांगता हूं: रूपाला
क्षत्रिय समिति के बयान के बाद दूसरे दिने राजकोट से बीजेपी उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला ने कहा कि, मेरी वजह से यह पूरा विवाद हुआ. मेरे जीवन का यह सबसे कठिन दौर था जहां मेरे एक बयान से न सिर्फ मुझे, मेरी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी सुनना पडा. मैंने माफी भी मांगी पर विवाद बढता गया. अब मतदान हो चुका है तो मेरी क्षत्रिय समाज से अपील है कि, देशहित में प्रधानमंत्री मोदी के साथ जुडे और बाकी सारी चीजों को खत्म करें. मैं इसीलिए मतदान खत्म होने के बाद बात कर रहा हूं जिससे किसी को यह न लगे के मुझे वोट लेने है इसलिए यह अपील कर रहा हूं.
गुजरात में पूरे चुनाव में क्षत्रिय समाज का विरोध देखने को मिला. रूपाला और भाजपा की ओर से बार-बार माफी मांगने के बाद भी यह विवाद नहीं थमा और चुनाव के आखिरी दिन तक विरोध जारी रहा. क्षत्रिय समाज ने अब 7 सीटों पर बीजेपी के हार का ऐलान भी कर दिया है. हालांकि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलती है ये तो 4 जून को होने वाली मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा. परिणाम चाहे कुछ भी हो लेकिन चुनाव में क्षत्रिय अस्मिता के मुद्दे की वजह से गजब की गहमागहमी देखने को मिली.
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