CAA नागरिकता देने का कानून, लेने का नहीं... ये बोल सरकार ने लागू किया नागरिकता संशोधन कानून

अभिषेक

11 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 11 2024 6:46 PM)

केंद्र सरकार का ये दावा है कि, भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइ शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. हालांकि इन्हीं देशों से भारत आए मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता नहीं मिलेगी.

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Citizenship Amendment Act (CAA)

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Citizenship Amendment Act: केंद्र सरकार ने आज देश में नागरिकता संशोधन ऐक्ट (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट-CAA) को लागू कर दिया है. संसद से साल 2019 में पारित होने के बाद से ही यह कानून लागू नहीं हो पा रहा था लेकिन आज केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले पिछले चुनाव के अपने मैनिफेस्टो के एक और मुद्दे CAA को लागू कर दिया है. वैसे संक्षेप में बताएं तो CAA पड़ोसी देशों से भारत में आए शरणार्थियों को नागरिकता देने से संबंधित है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि, क्या है CAA और इसके लागू होने के बाद अब क्या होगा बदलाव?

आखिर क्या है CAA?

केंद्र सरकार के CAA लाने का मुख्य उद्देश्य भारत में बसे शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देना है. केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन ऐक्ट (CAA) लाया था. संसद से बिल पास कराने और 12 दिसंबर 2019 राष्ट्रपति की मुहर के बाद यह कानून बन गया था. इसे जनवरी 2020 तक लागू करने की अधिसूचना भी जारी हुई थी लेकिन अब तक इसपर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका था.

CAA के लागू होने के बाद क्या होगा?

नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के आज देश में लागू होने की अधिसूचना जारी होने के बाद केंद्र सरकार का ये दावा है कि, भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइ शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. हालांकि इन्हीं देशों से भारत आए मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता नहीं मिलेगी. वैसे आपको बता दें कि, CAA में मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता नहीं  मिलने को लेकर ही इस कानून का विरोध हो रहा था. 

  1. 3 देश - अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदु, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइ शरणार्थियों को. 
  2.  सरकार का कहना है कि, इससे किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो. 

नागरिकता लेने की ये होगी प्रक्रिया

गृह मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक, CAA के लागू होने के बाद इसके नियमों के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता पाने के लिए आवेदन करना होगा. यह आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे, जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है.

बंगाल सीएम ममता ने दी ये चेतावनी 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के देश में CAA को लागू करने की संभावना के बीच कहा कि, 'पहले मुझे CAA के नियमों को देखने दीजिए. अगर इसके तहत लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया जाएगा तो बंगाल कि सरकार इसका विरोध करने वाली पहली सरकार होगी और हम इसके खिलाफ लड़ेंगे.' उन्होंने आगे कहा कि, CAA की घोषणा लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी का प्रचार मात्र है, यह और कुछ नहीं है.

 

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