महाराष्ट्र में चुनाव से पहले महायुति में खटपट, किस बात पर भिड़ गए अजीत पवार और देंवेद्र फडणवीस?

राजू झा

04 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 4 2024 11:42 AM)

Maharashtra elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले ही NDA में दो बड़े दिग्गज नेताओं के बीच आर-पार की लड़ाई देखने को मिल रही है. एक दिन पहले ही बीजेपी से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देंवेद्र फडणवीस ने लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए वोट जिहाद को जिम्मेदार ठहराया.

Ajit pawar  Devendra Fadnavis

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Maharashtra elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले ही NDA में दो बड़े दिग्गज नेताओं के बीच आर-पार की लड़ाई देखने को मिल रही है. एक दिन पहले ही बीजेपी से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देंवेद्र फडणवीस ने लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए वोट जिहाद को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 14 सीटों पर ‘वोट जिहाद’ देखा गया. 

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कोल्हापुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि एक विशेष समुदाय के लोगों ने हिंदुत्व उम्मीदवारों को हराने के लिए सामूहिक रूप से मतदान किया. 14 निर्वाचन क्षेत्रों में वोट जिहाद का पैटर्न देखा गया था. हालांकि, उन्होंने किसी शख्स या समुदाय का नाम नहीं लिया.

अजीत पवार बोले- 10 फीसदी सीटें अल्पसंख्यकों को देंगे

अब देवेंद्र फडणवीस के बयान के एक दिन बाद ही एनसीपी अजित पवार ने कहा कि कुछ बयानवीर अलग धर्म के खिलाफ बयान देते हैं, लेकिन हम मुस्लिमों को सीट बंटवारे में 10 फीसदी सीटें अल्पसंख्यकों को देंगे.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उप-मुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार की नजर मुस्लिम वोटर्स पर है. पवार ने बीजेपी विधायक नितेश राणे पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं सभी जात धर्म को मानने वाला शिव-शाहू फुले का एक समर्थक हूं. कुछ बेलगाम (नितेश राणे) बयानवीर अलग-अलग धर्म, पंथ, समाज के खिलाफ बयान देते हैं, यह सही नहीं है.

बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी गठबंधन की सरकार है. इस गठबंधन (महायुति) का मुकाबला महाविकास अघाड़ी (एमवीए) से है. 

महाराष्ट्र की सियासत में बवाल

देवेंद्र फडणवीस के बयान पर महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मचा है. वोट जिहाद वाले बयान के बाद एनसीपी ने एक ऐसा ऐलान किया है, जिससे महायुती में खटपट की खबरों को बल मिल रहा है. देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बयान को अब मतभेद के रूप में देखा जा रहा है. विरोधियों ने इसे सियासी कैच के तौर पर लपका है और अब महायुति में महासंग्राम का दावा कर रहे हैं. 

उद्धव गुट ने साधा निशाना

उद्धव गुट के शिवसेना नेता आनंद दुबे ने कहा, ‘इस समय महयुती में नूरा कुश्ती चल रही है. देवेंद्र फडणवीस जैसे बड़े नेता बोलते हैं कि वोट जिहाद हुआ. मुसलमानों पर टिप्पणी करते हैं. वहीं दूसरी तरफ उनके साथी अजीत पवार बोलते हैं कि वो चुनाव में मुस्लिमों को 10 प्रतिशत टिकेट देंगे. ये लोग देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं. लोगों को बाट रहे हैं. इनको पता चल गया है कि इनकी सरकार जा रही है. इसलिए यह सब बयानबाजी हो रही है. यह सब प्लानिंग कर रहे हैं, पर इनकी प्लानिंग कुछ काम नहीं आने वाली है विधान सभा चुनाव में.

संजय राउत ने क्या बोला

वहीं, संजय राउत ने भी देवेंद्र फडणवीस के बयान को लेकर हमला बोला है. उन्होंने पूछा है, क्या होता है वोट जिहाद? हिंदू, मुसलमान, जैन, पारसी सभी इस देश के नागरिक हैं. अगर आपको वोट करता है तो चलता है. अगर वो जिहाद है तो आप लोग मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक कानून क्यों लाए? 

अमित शाह बोले- 2029 में अकेले बनाएंगे सरकार

आपको बता दें कि 12 मई 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान मुस्लिम वोटों को "वोट जिहाद" कहा था. हाल ही अमित शाह जब महाराष्ट्र गए थे उन्होंने पदाधिकारियों के संबोधन में कहा कि इस बार मिलकर सरकार बनाएंगे लेकिन 2029 में बीजेपी अकेले दम पर सरकार बनाएंगी.

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 'महायुति' सरकार है. इस सरकार में दो डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस हैं. 'महायुति' में बीजेपी, एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट और अन्य सहयोगी दल शामिल है. महायुति मतलब बीजेपी और उसके सहयोगियों के बीच का गठबंधन. इस गठबंधन में अजित पवार की एनसीपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और रामदास अठावले की आरपीआई शामिल है. बावजूद इसके NDA के नेताओं की इस तरह की बयान बाजी से लगता है महाराष्ट्र में कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

वर्तमान विधानसभा में BJP 103 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. इसके बाद शिंदे की शिवसेना के 40, अजित पवार की NCP के पास 41 और कांग्रेस के 40 विधायक हैं. वहीं शिवसेना यूबीटी के 15, NCP (SP) के 13 विधायक हैं. जबकि, अन्य 29 हैं और कुछ सीटें फिलहाल खाली हैं.

 

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