Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए रेप-मर्डर केस को दो महीने हो चुके है. यह मामला CBI के पास है आरोपी भी जांच एजेंसी की कस्टडी में है लेकिन अभी तक उस पर कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है. इन्हीं सब के बीच ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया जिस पर आज सुनवाई हुई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई के दौरान कई बड़ी बातें कहीं. बता दें कि, सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार ने अस्पताल में हुए तोड़फोड़ के मामले अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी. वहीं, CBI ने भी मामले में हुई अभी तक की जांच को लेकर अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है.
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सुप्रीम कोर्ट ने पूछे कई सवाल
कोर्ट: रेप-मर्डर मामले की FIR कब दर्ज हुई?
बंगाल सरकार: 02:55 PM पर FIR दर्ज हुई. डेथ सर्टिफिकेट 01:47 PM पर बना.
कोर्ट: हमें अप्राकृतिक मौत के मामले में स्पष्टीकरण चाहिए.
बंगाल सरकार: थाने में अप्राकृतिक मौत मामले में 02:55 PM पर डायरी दर्ज की गई और डेथ सर्टिफिकेट 1.47 PM पर बना.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे की जांच के लिए CBI को एक हफ्ते और वक्त दिया है.
CJI: पश्चिम बंगाल में कितने सरकारी अस्पताल हैं?
कपिल सिब्बल: मेरे पास सटीक संख्या नहीं है.
CJI: डॉक्टरों की सुरक्षा के मुद्दे को सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर संबोधित किया जाना चाहिए.
CBI ने बंगाल सरकार पर लगाए आरोप
CBI की तरफ से पेश वकील SG तुषार मेहता ने आरोप लगाते हुए कहा पश्चिम बंगाल सरकार CBI से क्या छिपाना चाहती है. हमें पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से दाखिल जवाब की कॉपी नहीं मिली है. दूसरी तरफ बंगाल सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि हमने जवाब की कॉपी सिर्फ कोर्ट में जमा की है, हमने CBI को अभी तक कॉपी नहीं दी है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से जब डॉक्टर अस्पताल में काम नहीं कर रहे थे, उस वक्त 23 लोगों को ट्रीटमेंट न मिलने की वजह से उनकी मौत हो गयी है.
दो दिन में काम पर लौटें डॉक्टर वरना होगी कार्रवाई: CJI
सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि, हमने डॉक्टरों को अपने काम पर लौटने के लिए दो दिन का समय दिया है. युवा डॉक्टरों को अब अपने काम पर लौटना चाहिए. हम जानते हैं कि जमीन पर क्या हो रहा है. आप पहले काम पर लौटें. जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. आपको अब काम पर लौटना होगा. अगर आप काम पर नहीं आते हैं तो आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराएं. आप यह नहीं कह सकते कि वरिष्ठ लोग काम कर रहे हैं इसलिए हम नहीं करेंगे. डॉक्टरों का समाज के प्रति कर्तव्य बनता है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
कोलकाता रेप मर्डर केस में 20 अगस्त को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया गया है और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक प्रोटोकॉल के तहत 10 सदस्यों की राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है . आपको बता दें कि, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर हो गया. इसका आरोप एक वॉलंटियर पर लगा जिसे गिरफ्तार किया गया है.
इस मामले में अगले सप्ताह के मंगलवार को होने वाली सुनवाई में CBI बंगाल सरकार के जवाब पर अपनी दलील और इस हफ्ते में हुई जांच की प्रगति पर भी रिपोर्ट के साथ जांच के पहलुओं पर अपनी बात कहेगी.
यह स्टोरी न्यूजतक के साथ इंटर्नशिप कर रही साक्षी वर्मा ने लिखी है.
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