हरियाणा हारने के बाद राहुल गांधी एक्शन में, महाराष्ट्र चुनाव से पहले करने जा रहे हैं ये बड़ा काम!

शुभम गुप्ता

14 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 14 2024 12:15 PM)

Maharashtra Politics: हरियाणा चुनाव में हारने के बाद राहुल गांधी-कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है. राहुल गांधी महाराष्ट्र की चुनावी तैयारियों के लिए राज्य के कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात करेंगे और चुनाव को लेकर चर्चा करेंगे.

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Maharashtra Politics: हरियाणा में करारी हार के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं. यूपी के रायबरेली से सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को महाराष्ट्र के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान चुनावी रणनीति और तैयारियों की समीक्षा की जाएगी.

सूत्रों के अनुसार, सोमवार को राहुल गांधी महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे. इस बैठक का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा करना है. बैठक में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, विजय वडेट्टीवार, पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहेब थोराट, वर्षा गायकवाड़ और रमेश चेन्नितला भी शामिल होंगे.

टिकट पाने के लिए 1800 से ज्यादा कैंडिडेट्स ने किया अप्लाई

महाराष्ट्र में कांग्रेस से चुनावी टिकट पाने के लिए 1800 से ज्यादा लोगों ने अप्लाई किया. हालांकि, पार्टी लगभग 100-110 सीटों पर ही चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. खास बात यह है कि सबसे ज्यादा आवेदन विदर्भ और मराठवाड़ा इलाकों से आए हैं. राज्य भर से आए इन आवेदनों के बीच चुनाव की आधिकारिक घोषणा अब तक नहीं हुई है.

महाराष्ट्र में कांग्रेस उम्मीदवारों को नामांकन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसमें उन्हें फीस भी जमा करनी होती है. जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए 20,000 रुपए और एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए 10,000 रुपए की फीस निर्धारित की गई है. पार्टी का कहना है कि महाराष्ट्र में आवेदन करने वालों की संख्या हरियाणा से भी अधिक हो सकती है. क्योंकि हर दिन नए आवेदन जमा हो रहे हैं.

26 नवंबर से पहले होंगे चुनाव

चुनाव आयोग ने हाल ही में महाराष्ट्र का दौरा कर चुनाव तैयारियों का जायजा लिया. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में 26 नवंबर से पहले चुनाव कराना जरूरी है. क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है. आयोग ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सभी राजनीतिक दलों से मुलाकात की है और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश दिए हैं.

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