Congress in Assam: पहले विपक्षी गठबंधन INDIA का बिखराव हुआ. उसके बाद कांग्रेस के भीतर लगातार टूट जारी है. पिछले दिनों महाराष्ट्र में सीएम और कांग्रेस अध्यक्ष रहे अशोक चव्हाण के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस को नया झटका असम से लगा है. लोकसभा चुनाव से पहले असम के दो कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ और बसंत दास ने बीजेपी को समर्थन दे दिया है. इससे पहले कांग्रेस के अन्य दो विधायक शशिकांत दास और सिद्दीकी अहमद भी बीजेपी के कैंप में जा चुके हैं. अब प्रदेश में 23 में से 4 विधायक बिना कांग्रेस छोड़े बीजेपी के साथ रहेंगे. वहीं सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ये दावा कर रहे हैं कि, असम ऐसा राज्य होगा जहां सारे विधायक सरकार के साथ होंगे. हिमंत ने कहा है कि यह राहुल गांधी को उनका तोहफा है.
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असम में कांग्रेस के पिलर जैसे थे कमलाख्या डे पुरकायस्थ
बीजेपी के साथ जाते हुए कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने असम कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा भी दिया है. पुरकायस्थ असम में कांग्रेस के किसी बड़े पिलर जैसे थे. कांग्रेस में उन्होंने NSUI से राजनीति शुरू की थी. NSUI से यूथ कांग्रेस में प्रमोशन हुआ. 2011 में तरुण गोगोई ने टिकट देकर विधायक का चुनाव लड़ाने का जोखिम लिया. पुरकायस्थ ने सीट जीतकर तोहफा दिया 2016 में बीजेपी की लहर के बाद भी दूसरी बार अपनी सीट करीमनगर उत्तर से जीते थे. 2021 के चुनाव में पुरकायस्थ ने तीसरी बार जीत हासिल की तो उन्हें असम कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले पुरकायस्थ ने पार्टी को करारा झटका दिया है.
दिलचस्प बात तो ये है कि, पुरकायस्थ ने बरसों से हिमंता बिस्वा के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला हुआ था. लेकिन अब जब हिमंता ने बीजेपी का ऑफर दिया तो वो मना नहीं कर सके.
बीजेपी ने कांग्रेस को झटका देने को बनाया ये प्लान
असम में कांग्रेस को झटका देने के लिए बीजेपी ने नया मॉडल बनाया है. प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव 2026 में होगा इसलिए विधायकी बचाने के लिए बीजेपी, कांग्रेस विधायकों को अपनी पार्टी ज्वाइन नहीं कराती, बस तोड़कर अपने कैंप में ले आती है. पुरकायस्थ और बसंत दास इसी मॉडल पर बीजेपी के साथ आ गए. बीजेपी के पाले में जाने वाले शशिकांत दास को कांग्रेस ने सजा के तौर पर पार्टी से सस्पेंड कर दिया लेकिन शशिकांत विधायक बने हुए हैं.
राहुल की यात्रा से बदल गई सियासत
जनवरी में असम में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा हुई थी. राहुल और हिमंता की लड़ाई से यात्रा को लेकर काफी विवाद हुआ लेकिन राहुल की यात्रा से कांग्रेस में रिवर्स इफेक्ट हुआ है. उसके बाद से पार्टी में भगदड़ दिख रही है. जनवरी में 150 कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन की थी. राहुल के खिलाफ बोलने पर असम यूथ कांग्रेस अंगकिता दत्ता को पार्टी ने निकाला तो वो बीजेपी में चली गईं. अब चार विधायकों ने बिना पार्टी छोड़े ही पाला बदल लिया है.
वैसे ये सिलसिला अभी रूकने वाला दिख नहीं रहा है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक नौगांव के सांसद प्रद्यूत बारदोलोई भी बीजेपी जा सकते हैं. बीजेपी उन्हें गौरव गोगोई के खिलाफ उतारने की सोच रही है. लोकसभा चुनाव में असम में कांग्रेस के लिए कोई बहुत संभावना नहीं दिख रही है. इंडिया टुडे के ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे में बीजेपी गठबंधन, कांग्रेस पर हावी पड़ता दिख रहा है. सर्वे में बीजेपी को 46 फीसदी वोट शेयर के साथ प्रदेश की 14 में से 12 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें मिल सकती हैं.
असम में आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस को झटका दिया है. प्रदेश में पहली बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही आप ने पहले कांग्रेस से तीन सीटें मांगी. फिर तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार भी खड़े कर दिए. आप के इस फैसले से अब बीजेपी विरोधी वोटों का बिखराव पक्का हो गया है. जिसका खामियाजा निश्चित तौर पर कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा जो प्रदेश में बीजेपी के बाद दूसरे नंबर की पार्टी है.
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