Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव में 400 पार सीट जीतने का नारा दिया है. इस देश में ऐसा सिर्फ एक बार हुआ है. 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (तब INC-I) ने राजीव गांधी के नेतृत्व में अकेले 414 सीटें जीत ली थीं. अब यह करिश्मा बीजेपी-एनडीए दोहराना चाहती है. पर क्या ऐसा होना मुमकिन है? इतनी सीटें जीतने के लिए बीजेपी-एनडीए को क्या करना होगा? आइए इस बात को एक्सपर्ट के हवाले से समझते हैं.
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हमारे सहयोगी चैनल Aaj Tak की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप ने सटीक चुनावी आकलन के लिए मशहूर एजेंसी एक्सिस माई इंडिया के प्रदीप गुप्ता से बात की है. उन्होंने पीएम मोदी के इस नारे की ग्राउंड रिएलिटी पर चर्चा की है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती थीं. उसके गठबंधन नेशनल डेमक्रैटिक अलायंस(NDA) ने 364 सीटें जीती थीं. इस शो में प्रदीप गुप्ता अपनी बात को 2019 के चुनावी आंकड़े को आधार बनाकर सामने रखते नजर आए हैं.
दक्षिण के राज्यों में बीजेपी को करना होगा अपने प्रदर्शन में सुधार
उनके मुताबिक दक्षिण भारत में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल इन चार राज्यों की 101 लोकसभा सीटों में से पिछले चुनाव में बीजेपी को सिर्फ चार सीटें मिली थी. यहां बीजेपी के पास अपने टैली में सुधार करने का मौका है. अगर बीजेपी इन राज्यों में अपने प्रदर्शन में सुधार करती है तो निश्चित रूप से उसे जबरदस्त फायदा मिलेगा क्योंकि पार्टी देश के उत्तर, पूर्व और पश्चिम इन तीनों क्षेत्रों में पहले से ही मजबूत स्थिति में है.
20 हजार से कम वोटों के अंतर से हार वाली आठ सीटें
2019 के चुनाव में आठ ऐसी सीटें थीं जहां बीजेपी को 20 हजार से कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं सात सीटें ऐसी थीं जहां 50 हजार से कम वोटों से हार मिली थी. इन सीटों को अपने पाले में करके पार्टी अपने नंबरों में इजाफा कर सकती है. ऐसे राज्य जहां बीजेपी पहले से ही अच्छी स्थिति में है जैसे उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम इन राज्यों में भी पार्टी को अपनी सीटों को बढ़ाने का मौका है.
ये तीन काम करने होंगे तभी 400 पार का नारा हो पाएगा साकार!
एक्सिस माई इंडिया के प्रमुख प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पिछले चुनाव में देश के इन राज्यों यानी बिहार (40), एमपी (29), कर्नाटक (28), गुजरात (26), राजस्थान (25), झारखंड (14), छत्तीसगढ़ (11), हरियाणा (10), दिल्ली (7), उत्तराखंड (5), केंद्रशासित प्रदेश (7), हिमाचल प्रदेश (4), गोवा (2), जम्मू (2) की कुल 210 सीटों में से एनडीए को 198 सीटों पर जीत मिली थी. तब NDA की जीत का स्ट्राइक रेट 94 फीसदी था. उन्होंने बताया कि, अगर पार्टी को 400 सीटों के आंकड़े को पार करना है, तो उसे इस बार भी इन राज्यों में अपना पिछला स्ट्राइक रेट मेनटेन रखना होगा.
प्रदीप गुप्ता ने आगे बताया कि, इसके अलावा यूपी (80), पश्चिम बंगाल (42), तमिलनाडु (39), आंध्र प्रदेश (25), ओडिशा (21), केरल (20), तेलंगाना (17), असम (14), पंजाब (13), पूर्वोत्तर के राज्य (11) और कश्मीर (3) की कुल 285 सीटों में से पिछले चुनाव में NDA को 114 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं 171 सीटों पर हार मिली थी. इन राज्यों में NDA का स्ट्राइक रेट 40 फीसदी रहा था. NDA को 400 के आंकड़े को पाने के लिए इन राज्यों में अपनी संख्या को बढ़ाने की जरूरत होगी. उन्होंने बताया कि अगर इन राज्यों में बीजेपी अपनी पहले की 114 सीटों के साथ और 50 सीटों को जीतने का टारगेट करती है, तो उसे अपने स्ट्राइक रेट को 40 से बढ़ाकर 57 फीसदी तक करना होगा.
इस पूरे गणित को यहां नीचे प्रदीप गुप्ता के ट्वीट में भी देखा जा सकता है.
वैसे इन आंकड़ों व्याख्या के बीच बीच हमें विपक्ष की तैयारियों को भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए. विपक्ष ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए INDIA अलायंस बनाया है और राहुल गांधी भारत न्याय यात्रा कर रहे हैं. हालांकि हाल के कुछ दिनों में अलायंस में कई उथल-पुथल हुए लेकिन फिर भी आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष अपना पूरा दमखम लगाने की तैयारी कर रहा है.
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