Arvind Kejriwal News: दिल्ली के शराब घोटाले में आज यानी 2 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) केजरीवाल से पूछताछ करेगी. आम आदमी पार्टी (AAP) की आतिशी मारलेना, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज जैसे कई नेताओं ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका जताई है. AAP नेताओं का आरोप है कि बीजेपी बदले की राजनीति कर उनकी पार्टी को खत्म करना चाहती है. ऐसे में इस वक्त का सबसे बड़ा सियासी सवाल है कि अगर केजरीवाल गिरफ्तार हुए, तो दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
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इस सवाल का जवाब इतना आसान नहीं है. अगर ED केजरीवाल को गिरफ्तार करती है तो यह AAP के लिए सबसे बड़ा संकट होगा. AAP में पार्टी और सरकार केजरीवाल ही हैं. AAP के दूसरे कद्दावर नेता मनीष सिसौदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत न मिलने से पार्टी की हालत पहले ही खराब है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक AAP ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंकाओं को लेकर पार्टी में उनके भरोसेमंद विधायकों और सलाहकारों से संपर्क किया है. इनसे सुझाव मांगे गए हैं कि अगर केजरीवाल अरेस्ट हुए तो क्या किया जाएगा?
सवाल वही, कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री?
AAP के सामने यह सवाल तब भी खड़ा हुआ था, जब इस साल अप्रैल में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था. उस वक्त भी उनकी गिरफ्तारी की आशंकाएं थीं. तब ऐसे वक्त में वरिष्ठ नेता गोपाल राय के नाम की चर्चा चली थी. रिपोर्ट के मुताबिक इस बार केजरीवाल की जगह भरने के लिए गोपाल राय के साथ आतिशी और राम निवास गोयल के नाम के चर्चे हैं. आतिशी दिल्ली की कालकाजी विधानसभा से विधायक हैं. वह फिलहाल दिल्ली की शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री हैं. राम निवास गोयल दिल्ली विधानसभा के स्पीकर हैं और शाहदरा सीट से विधायक हैं. राम निवास गोयल 2014 में बीजेपी छोड़ AAP में शामिल हुए थे.
वरिष्ठ पत्रकार और AAP में रह चुके आशुतोष अपने एक लेख में लिखते हैं कि AAP अभी अस्तित्व के संकट से जूझ रही है. उनका मानना है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी इस संकट को और बढ़ाएगी. उनका मानना हैं कि केजरीवाल नहीं तो कौन के सवाल का हल निकालना पार्टी के लिए मुश्किल काम होगा. आशुतोष दिल्ली में केजरीवाल की लोकप्रियता के आधार पर यह भी संभावना जता रहे हैं कि उनकी गिरफ्तारी पर जनाक्रोश खड़ा हो सकता है. पर सवाल यह भी है कि अगर केजरीवाल जेल गए तो इस जनाक्रोश को AAP के पक्ष में नेतृत्व देने वाला कोई बड़ा जननेता अभी पार्टी में कहां दिख रहा.
News Tak से बात करते हुए आशुतोष कहते हैं, ‘अरविंद केजरीवाल का जेल जाना AAP के लिए एक गंभीर और विडंबनापूर्ण संकट होगा. पार्टी में नंबर दो मनीष सिसौदिया को सुप्रीम कोर्ट से बेल न मिलना और संकट खड़े करने वाला है. केजरीवाल के बाद मनीष और संजय सिंह ये दोनों ही ऐसे नेता थे जो उनकी बागडोर को संभाल सकते थे, लेकिन ये भी जेल में है. अब उनके पास ऐसा कोई सर्वमान्य नेता नहीं है.’
आशुतोष ने आगे कहा कि, ‘AAP के पास ऐसी कोई इंस्टिट्यूशनल लेगसी या पोलिटिकल मेमोरी नहीं है, जिसके दम पर वो चल सके. केजरीवाल उसी नेता को मुख्यमंत्री पद और पार्टी की बागडोर देंगे जिसपर पूरा भरोसा करते हैं. वो नया, युवा, महिला या पुरुष कोई भी हो सकता है. हां जिसे भी ये जिम्मेदारी मिलती है उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी को एकजुट करना और सरकार को सुचारु ढंग से चलाना होगा.’
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