जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें नहीं वहां ED के पास ज्यादा केस, आंकड़ों से समझें पूरी कहानी

रूपक प्रियदर्शी

11 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 11 2024 5:58 PM)

संसद में सरकार से PMLA कानून के तहत ईडी के केस की डिटेल मांगी थी. सरकार ने 2016 से लेकर 2024 तक पिछले 8 साल का डेटा संसद पटल पर रख दिया. डेटा की कहानी ये है कि जैसे-जैसे राज्यों की राजनीतिक समीकरण बदला वैसे-वैसे ईडी के केस के नंबर बदलते रहे

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ED-CBI: संसद में सरकार का लिखित जवाब ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ नहीं होती. अगर सांसद ने पूछ लिया तो सरकार को चाहे-अनचाहे जानकारी देनी ही होती है. संसद में ऐसा ही एक सवाल ईडी जांच को लेकर सरकार से पूछा गया. जवाब में जो डेटा आया उससे ईडी-बीजेपी का कनेक्शन संयोग नहीं, प्रयोग लगता है. 

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अकेले राहुल गांधी नहीं, विपक्ष के ढेरो नेता आरोप लगाते रहे कि लड़ाई केवल बीजेपी से नहीं है, ईडी-सीबीआई से भी है जो बीजेपी के इशारे पर विपक्ष को डरा रहे हैं. चुनाव से पहले नेशनल हेराल्ड केस को लेकर ईडी ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से भी घंटों पूछताछ की तो विपक्ष वर्सेस ईडी-बीजेपी लड़ाई में भयंकर तेजी आ गई. 

चुनाव खत्म होते ही अचानक 2 अगस्त को राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर ये लिखकर सनसनी मचा दी कि ईडी उनके यहां रेड डालने वाली है. हालांकि काफी दिन बीत गए. राहुल गांधी के घर ईडी रेड डालने नहीं पहुंची. ईडी आएगी इसकी गारंटी नहीं. ईडी नहीं आएगी, इसकी भी गारंटी नहीं है.

संसद में पेश हुए थे आंकड़े

संसद में सरकार से PMLA कानून के तहत ईडी के केस की डिटेल मांगी थी. सरकार ने 2016 से लेकर 2024 तक पिछले 8 साल का डेटा संसद पटल पर रख दिया. डेटा की कहानी ये है कि जैसे-जैसे राज्यों की राजनीतिक समीकरण बदला वैसे-वैसे ईडी के केस के नंबर बदलते रहे. बिहार, महाराष्ट्र जहां बीजेपी सहयोगी दलों के साथ सरकार में है वहां ईडी के केस 2023 के मुकाबले 2024 में घट गए लेकिन जिन राज्यों में बीजेपी सरकार में नहीं हैं वहां ईडी ने जांच में ज्यादा फुर्ती दिखाई. निशाने पर रहे विरोधी पार्टियों के नेता. नरमी के हकदार वो बने जो बीजेपी आए. वॉशिंग मशीन से क्लीन हो गए.

बिहार में ED के केस

जेडीयू-बीजेपी की सरकार बनने से पहले ईडी के पास बिहार के 12 केस थे. जेडीयू-बीजेपी की सरकार बनने के बाद केस घटकर 7 रह गए. पहले नीतीश-आरजेडी के साथ सरकार चला रहे थे, निशाने पर थे आरजेडी और लालू के परिवार के लोग.

2022

2023

2024

0

12

7

महाराष्ट्र में ईडी के केस

महाराष्ट्र के नंबर सबसे ज्यादा चौंकाने वाले हैं. 2023 में ईडी के पास महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा 17 केस थे. बीजेपी से लड़ रही शिवसेना, एनसीपी के कई नेता जांच के रडार में थे. 2023 में शिवसेना-एनसीपी टूटने के बाद कई नेताओं ने पाला बदला. नतीजा ये हुआ कि ईडी केस घटकर सिर्फ 9 रह गए. 8 केस की फाइल बंद. प्रफुल्ल पटेल, रवींद्र वायकर जैसे नेता बीजेपी के मित्र बने तो ईडी ने केस निपटा दिया.

2022

2023

2024

7

17

9

राजस्थान में ईडी के केस

2023 के अंत तक राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुआ था. कांग्रेस की हार हुई. बीजेपी की जीत हुई. विधानसभा चुनाव और बीजेपी की सरकार बनने तक ईडी के राजस्थान में केस 7 थे. चुनाव बाद केस बढ़कर 10 हो गए. ऐसा ही छत्तीसगढ़ में भी हुआ जहां ईडी के केस 8 से बढ़कर 10 हो गए.

2022

2023

2024

0

7

17

दिल्ली में ईडी के केस

दिल्ली की कहानी और गजब है. 2022 तक ईडी के पास दिल्ली के सिर्फ 12 केस थे. 2023 में संख्या बढ़कर 32 हुई जिसमें सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, कैबिनेट मंत्री सतेंद्र जैन भी शामिल हुए. 2024 में ये संख्या बढ़कर 36 हो चुकी है. सरकार ने संसद में जो डेटा रखा है उसमें सबसे ज्यादा और बाकी राज्यों से बहुत ज्यादा 36 केस की जांच चल रही है.

2022

2023

2024

12

32

36

बंगाल में ईडी के केस

बंगाल में 2022 से ही ईडी के पास सबसे ज्यादा 15 केस की जांच चल रही थी. ममता की सरकार औऱ तृणमूल कांग्रेस के कई नेता जांच के रडार में फंसते गए. 2023 में संख्या 17 हुई और अचानक 2024 में 9 रह गई. ऐसी खबरें आती रही कि ईडी की जांच में फंसने के बाद जैसे-जैसे नेता बीजेपी में आते रहे वॉशिंग मशीन में धुलते रहे. ईडी पर काम का बोझ कम होता रहा.

2022

2023

2024

15

17

9

कई बड़े राज्यों में जहां या तो बीजेपी सरकार चला रही थी या जहां उसके मित्र दल सरकार में थे वहां ईडी को 8 साल में एक भी केस नहीं मिला. आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में ईडी ने या तो केस दर्ज नहीं किया या एक-दो..एक दो टाइप.

8 साल का डेटा बताता है कि 2016 में किसी पर भी ईडी ने PMLA के तहत केस दर्ज नहीं किया. किसी की गिरफ्तारी नहीं की. 2017 और 2018 में एक-एक केस दर्ज हुआ. 2019 में फिर किसी पर केस दर्ज नहीं हुआ. 2020 के बाद चक्रवृद्धि ब्याज से भी ज्यादा तेजी से ईडी केस बढ़ने लगे. 2020 से 2024 तक 10 गुनी रफ्तार से केस बढ़ने लगे. 2020 में ईडी के पास PMLA में सिर्फ 10 केस थे. 2024 में इन केसेस की संख्या 140 तक पहुंच चुकी है. 2023 के ईडी के पास 139 केस थे जो 2024 में 140 हो गए. इतना ही फर्क आया है. हालांकि 2024 का आधा साल बीतना बाकी है.

ED केस की स्थिति

2020

2021

2022

2023

2024

10

31

53

139

140

 

लोकसभा चुनाव के बाद भी ईडी-सीबीआई काम तो कर रहे हैं लेकिन जरा शांति से. चुनाव बाद किसी हाईप्रोफाइल नेता पर हाथ नहीं डाला. किसी हाईप्रोफाइल नेता पर रेड नहीं डाली. किसी हाईप्रोफाइल नेता की गिरफ्तारी नहीं हुई. हेमंत सोरेन कोर्ट से जमानत लेकर बाहर आ गए लेकिन अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जैसे कई कल भी जेल में अंदर थे आज भी जेल में हैं. आए दिन जमानत पर सुनवाई होती लेकिन ईडी के वकील के विरोध के कारण जमानत याचिका खारिज हो जाया करती है.

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