Kangana Ranaut On Farmer Laws: अभिनेत्री और भाजपा सांसद कांगना रनौत फिर से सुर्खियों में है. मंगलवार को कंगना रनौत ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को बहाल करने की मांग कर दी. विवाद बढ़ने से पहले बीजेपी ने इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया. पार्टी ने बयान जारी कहा कि उन्हें पार्टी की ओर से इस मुद्दे पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है. वहीं अब कंगना ने भी अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने ट्टीट पर बताया कि किसान कानूनों पर यह उनके निजी विचार हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं.
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भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक बयान में कहा, "सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भाजपा सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर बयान वायरल हो रहा है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है. कंगना रनौत भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर भाजपा के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है. हम इस बयान की निंदा करते हैं."
कंगना ने दिया था ये बयान
इससे पहले मंगलवार, 24 सितंबर को, हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा था तीन विवादास्पद कृषि कानून को सरकार द्वारा वापस लाया जाना चाहिए. जिन्हें किसान यूनियनों के लंबे विरोध के बाद निरस्त कर दिया गया था, हिमाचल प्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए, अभिनेत्री से नेता बनीं कंगना ने कहा था, "मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए."
कंगना रनौत ने तर्क दिया कि तीनों कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे, लेकिन कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के कारण सरकार ने उन्हें निरस्त कर दिया. उन्होंने कहा, "किसान देश के विकास में ताकत का स्तंभ हैं. मैं उनसे अपील करना चाहती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस लेने की मांग करें."
अब उन्होंने ट्टीट पर बताया कि किसान कानूनों पर यह मेरे विचार निजी हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं.
कांग्रेस ने घेरा
कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक वीडियो पोस्ट कर लिखा, "देश के 750 से ज्यादा किसान शहीद हुए, तब जाकर मोदी सरकार की नींद टूटी और ये काले कानून वापस हुए. अब BJP के सांसद फिर से इन कानून की वापसी का प्लान बना रहे हैं. कांग्रेस किसानों के साथ है. इन काले कानून की वापसी अब कभी नहीं होगी, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद जितना जोर लगा लें."
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