MUDA Scam: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और राहुल गांधी के बीच हमेशा शानदार ट्यूनिंग देखने को मिली है. भले ही सिद्धारमैया का जन्म 1947 में हुआ हो और राहुल गांधी का 1970 में, उनके बीच कभी पीढ़ी का अंतर महसूस नहीं हुआ. सिद्धारमैया, राहुल गांधी की खेल भावना वाली राजनीति के सिंबल माने जाते हैं. 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी जब कर्नाटक पहुंचे, उन्होंने दौड़ने का मन बनाया. धोती-कुर्ता पहने सिद्धारमैया ने उनके साथ दौड़ लगाई, और वो इकलौते ऐसे नेता हैं जिन्हें राहुल गांधी के कंधे पर हाथ रखकर बात करते देखा गया है.
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जमीन घोटाले में फंसे सिद्धारमैया
वर्तमान में सिद्धारमैया एक गंभीर विवाद में फंसे हुए हैं. उन पर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की जमीनों में घोटाले का आरोप है. आरोप है कि सिद्धारमैया और MUDA अधिकारियों ने मिलकर 14 महंगी जमीनों को धोखाधड़ी से हड़प लिया. इस कथित घोटाले में उनकी पत्नी, साले और अन्य अधिकारियों का नाम भी शामिल है.
कांग्रेस ने राज्यपाल की भूमिका पर उठाए सवाल
कांग्रेस ने इस मामले में कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. राज्यपाल ने जल्दबाजी में इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. सिद्धारमैया ने राहत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. अब लोकायुक्त ने मामले की जांच शुरू कर दी है. हालांकि, सिद्धारमैया के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प अभी खुला है.
विपक्षी दबाव में सिद्धारमैया
सिद्धारमैया भले ही कर्नाटक में कांग्रेस सरकार चला रहे हों, लेकिन केंद्र सरकार की विपक्षी पार्टी होने के कारण उन पर दबाव बढ़ गया है. आजकल ऐसे मामलों में न्याय सुप्रीम कोर्ट से ही मिलता है. हालांकि सिद्धारमैया अभी दोषी साबित नहीं हुए हैं, बीजेपी लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस मुद्दे को लेकर जमकर जंग हो रही है. सिद्धारमैया इन दिनों थोड़ा चिड़चिड़े नजर आ रहे हैं.
50 साल की राजनीति और अब घोटाले का खतरा
करीब 50 साल की राजनीति के बाद आज सिद्धारमैया मुश्किलों में हैं. उन पर गिरफ्तारी और जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है. 2023 में कर्नाटक कांग्रेस की जीत में डीके शिवकुमार का बड़ा योगदान था, लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री चुना. अब, अगर 77 साल की उम्र में सिद्धारमैया के साथ कोई अनहोनी होती है, तो गांधी परिवार को उनके सीएम पद पर बने रहने का फैसला करना होगा. हालांकि, जेल जाने का मतलब यह नहीं कि उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना ही पड़ेगा, जैसा कि अरविंद केजरीवाल के मामले में देखा गया था.
डीके शिवकुमार की चुप्पी और कांग्रेस का भविष्य
सिद्धारमैया का भविष्य कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के भविष्य पर निर्भर करता है. कांग्रेस में दो गुट हैं—एक सिद्धारमैया का और दूसरा डीके शिवकुमार का. चुनाव के समय दोनों ने अपनी अहमियत को दरकिनार कर पार्टी को जीत दिलाई. अब, अगर सिद्धारमैया को हटाया जाता है, तो सवाल उठता है कि डीके शिवकुमार उनकी जगह लेंगे या नहीं. दिलचस्प बात यह है कि डीके शिवकुमार इस वक्त सिद्धारमैया के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहे हैं और खुद भी सीएम बनने की दावेदारी से इनकार कर रहे हैं.
क्या सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने रहेंगे?
2013 में कांग्रेस ने सिद्धारमैया के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और सिद्धारमैया ने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया. अब, सवाल यह है कि इस कानूनी संकट के बीच क्या सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने रहेंगे या नहीं.
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