Jammu-Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में पिछले विधानसभा चुनाव 10 साल पहले 2014 में हुए थे. चुनाव के बाद बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन करके सरकार बनाई थी. लेकिन 2018 में बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद सरकार गिर गई थी और महबूबा मुफ्ती ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. तब से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था जो अब हटा लिया गया है.
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जम्मू-कश्मीर में 6 साल बाद राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया है. अब सरकार गठन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. जम्मू-कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे, जिसमें बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन कर सरकार बनाई थी. लेकिन 2018 में बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई और उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. तब से लेकर अब तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू था, जो अब हट गया है.
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) गठबंधन को बहुमत मिला है. पार्टी ने 49 सीटें जीती हैं, जबकि बीजेपी 29 सीटों पर सिमट गई है. अब नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार बनाने की तैयारियों में जुटी हुई है, और उन्हें कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मिल रहा है. छम्ब विधानसभा से निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा ने भी NC का समर्थन कर दिया है, जिससे पार्टी की स्थिति और मजबूत हो गई है.
आप पार्टी ने कर दिया नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन
इसके अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन का ऐलान किया है. उन्होंने डोडा में एक रैली के दौरान कहा कि आम आदमी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनाने में पूरी मदद करेगी. यह समर्थन NC के लिए एक अहम बढ़त साबित हो सकता है.
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16 अक्टूबर को हो सकता है शपथ ग्रहण समारोह
अब उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 16 अक्टूबर को श्रीनगर में होने की संभावना है. हालांकि, शपथ ग्रहण की तारीख अभी तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं की गई है. पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस की बैठक में यह जानकारी दी कि उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस को मिल रहा है सरकार बनाने का मौका
इस चुनाव के परिणाम और सरकार गठन से राज्य में विकास की नई दिशा तय होगी. जम्मू-कश्मीर के लोग पिछले 6 सालों से राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत थे, और अब नई सरकार के गठन से उम्मीद है कि राज्य में विकास कार्यों में तेजी आएगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास अब सरकार बनाने का मौका है, और वह इसे किस तरह से निभाती है, यह राज्य के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा.
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शांतिपूर्ण चुनाव से हैरान रह गया पाकिस्तान
बता दें कि जम्मू कश्मीर में हुए शांति पूर्ण चुनाव से पाकिस्तान हैरान है, क्योंकि यहां पर लोगों ने चुनाव में बढ़-चढ़कर भाग लिया और लोकतंत्र का उत्सव मनाया. दरअसल, पाकिस्तान को उम्मीद नहीं रही होगी कि जम्मू कश्मीर में इतनी शांति से चुनाव संपन्न हो जाएंगे.
राष्ट्रपति शासन के हटने और नई सरकार के गठन के साथ जम्मू-कश्मीर एक नए राजनीतिक युग में प्रवेश कर रहा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली यह सरकार राज्य की समस्याओं को कैसे हल करती है और विकास को नई दिशा कैसे देती है.
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