सदन में फिर टकराए धनखड़ और खरगे, सभापति बोले-हर बार खून का घूंट पीकर रह जाता हूं लेकिन अब नहीं...

News Tak Desk

• 02:10 PM • 03 Jul 2024

मल्लिकार्जुन खरगे अपनी सीट से खड़े होकर सोनिया गांधी की ओर इशारा कर के बोले कि मुझे बनाने वाली ये हैं. मुझे ना आप बना सकते हैं ना जयराम रमेश बना सकते हैं. मैं जो हूं मुझे जनता ने बनाया है. 

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Jagdeep Dhankar-Mallikarjun Kharge: संसद सत्र के दौरान राज्यसभा सभापि जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. जगदीप धनखड़ नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर भड़कते हुए दिखे.  सभापति ने  मंगलवार को राज्यसभा में तीखी नोकझोंक में राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे को फटकार लगाई और उन पर बार-बार आसन का अपमान करने का आरोप लगाया.

सभापति ने कहा, उनके पास सहनशक्ति बहुत है, वह कई बार खून का घूंट पीकर रह जाते है, लेकिन अब और बर्दाश्त नहीं.आप (खरगे) हर बार कुर्सी  का अनादर नहीं कर सकते, आप अचानक खड़े हो जाते हैं और मैं जो कह रहा हूं उसे समझे बिना कुछ भी बोल देते हैं."

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सरकार पर जनता को लूटने के आरोप लगाए और कहा कि वे अपने मित्रों को फायदा पहुंचाते हैं. इसपर सभापति धनखड़ ने कहा कि जो आप बोल रहे हैं आपके पास उसका कोई प्रमाण है. इतने में पीछे पंक्ति में बैठे जयराम रमेश ने कुछ कह दिया. उसपर जवाब देते हुए सभापति ने कहा कि जयराम जी ज्यादा अनुभवी और ऊर्जावान हैं.जब  प्रथम पंक्ति के अंदर आप जैसा व्यक्ति है जिसके पास 56 साल का अनुभव है. उस व्यक्ति को जयराम रमेश बीच में टोकते हैं, मदद करने की कोशिश करते हैं. 

इस पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे अपनी जगह खड़े होकर सोनिया गांधी की ओर इशारा करते हैं और कहते हैं मुझे बनाने वाली ये हैं. मुझे ना आप बना सकते हैं ना जयराम रमेश बना सकते हैं. मैं जो हूं मुझे जनता ने बनाया है. 

भड़क गए जगदीप धनखड़

मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा की गई टिप्पणी पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं उस स्तर पर नहीं आना चाहता. मेरी बात को ध्यान से सुनिए "आप (खड़गे) हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते. आप अचानक खड़े होते हैं और मेरी बात को समझे बिना कुछ भी कह देते हैं. इसके बाद सभापति ने कहा कि 'राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कभी भी आसन के प्रति इतनी अवमानना ​​नहीं हुई, आपके लिए यह सोचने का समय है. कई बार ऐसे मौके भी आई कि आपकी गरिमा पर कई बार हमला किया गया है और मैंने हमेशा आपकी गरिमा की रक्षा करने की कोशिश की है.

 

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