तमिलनाडु के ओपिनियन पोल में नहीं खुल रहा BJP का खाता, क्या चमत्कार दिखाएंगे अन्नामलाई?

रूपक प्रियदर्शी

28 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 28 2024 11:48 AM)

सबसे बड़ा राज्य, सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें, दक्षिण भारत की राजनीति में तमिलनाडु का दर्जा यूपी जैसा है. 39 सीटें सिर्फ तमिलनाडु से आती हैं.

 बीजेपी ने कोयंबटूर लोकसभा सीट से के अन्नामलाई को मैदान में उतारा है. (Photo: X/@BJP4India)

BJP fielded K Annamalai from Coimbatore Lok Sabha Seat

follow google news

Tamil Nadu election: सबसे बड़ा राज्य, सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें, दक्षिण भारत की राजनीति में तमिलनाडु का दर्जा यूपी जैसा है. 39 सीटें सिर्फ तमिलनाडु से आती हैं. यूपी, महाराष्ट्र, बंगाल बिहार के बाद सबसे ज्यादा सीटों वाला राज्य है. तमिलनाडु में बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया है कि इस बार कमल खिलने का मौका चूकने न पाए. 

मिशन की जिम्मेदारी है कर्नाटक कैडर के पूर्व आईपीएस के अन्नामलाई पर. इंजीनियरिंग, एमबीए, सिविल सर्विसेज क्वालिफाई करने के बाद अन्नामलाई राजनीति में उतरे हैं. पूरा राजनीतिक करियर मुश्किल से 4 साल का है लेकिन वो तमिलनाडु में बीजेपी के पावरफुल अध्यक्ष बन चुके हैं. इस समय अन्नामलाई तमिलनाडु में मोदी की सबसे बड़ी उम्मीद हैं. 39 में से जितनी ज्यादा सीटें जीतेंगे मोदी के मिशन 400 प्लस का रास्ता आसान करेंगे. 

अन्नामलाई के सामने ये दो बड़ी चुनौतियां

अन्नामलाई के सामने दो बड़े चैलेंज हैं. एक तमिलनाडु में कमल खिलाना. दूसरी कोयम्बटूर में अपनी सीट बचाना. अपने पॉलिटिकल करियर का सबसे बड़ा मैच खेलने अन्नामलाई निकल पड़े हैं. कोयम्बटूर से अन्नामलाई ने अपना पहला लोकसभा का नामांकन दाखिल किया है. अन्नामलाई ने पहला विधानसभा चुनाव अरवाकुरुच्ची सीट से AIADMK के समर्थन से लड़ा था लेकिन डीएमके से हार गए थे. अब अकेले अन्नामलाई को AIADMK से भी लड़ना है, डीएमके-कांग्रेस अलायंस से भी. 

वैसे तो तमिलनाडु में बीजेपी का कुछ खास है नहीं. न कोई डेंजर जोन है, न सेफ एरिया. पार्टी जीरो से शुरूआत कर रही है. अन्नामलाई करूर के रहने वाले हैं लेकिन बीजेपी ने उनके लिए थोड़ी सेफ सीट छांटी है कोयम्बटूर. एक वक्त में कोयम्बटूर की सीट बीजेपी ने दो-दो बार जीती थी. दौर अटल-आडवाणी का हुआ करता था. 1992 के बाबरी विध्वंस के बाद बदले की कार्रवाई के लिए 1998 में लालकृष्ण आडवाणी को आतंकी हमले का निशाना बनाया गया था. आडवाणी चुनाव प्रचार के लिए कोयम्बटूर आए थे.  11 जगहों पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 58 लोग मारे गए थे.

आडवाणी का तो बाल भी बांका नहीं हुआ लेकिन धमाकों के बाद चुनाव में पहली बार तमिलनाडु औऱ कोयम्बटूर में बीजेपी के सांसद बने थे सीपी राधाकृष्णन. 1999 में मध्यावधि चुनाव हुए तो बीजेपी के टिकट पर राधाकृष्णन को दोबारा कोयम्बटूर ने चुनकर संसद भेजा. आज से 25 साल पहले कोयम्बटूर से बीजेपी ने तमिलनाडु में अच्छी शुरूआत की थी लेकिन पार्टी अपनी पोजिशन मेंटेन नहीं रख सकी. पिछले चार चुनावों में बीजेपी दूसरे नंबर पर रह गई. कभी-कभी तो सिर्फ 38-40 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी चुनाव हारी. 

कोयम्बटूर लेफ्ट का मजबूत गढ़ रहा. कभी सीपीएम, कभी सीपीआई-दोनों ने मिलाकर 7 बार लोकसभा चुनाव जीते. पिछले चार चुनावों में से लेफ्ट ने तीन बार कोयम्बटूर की सीट जीती. 2019 में सीपीएम के पीआर नटराजन जीतकर सांसद बने. तमिलनाडु में एमके स्टालिन इंडिया गठबंधन जैसा अलायंस लेकर चलते हैं जिसमें कांग्रेस भी है, लेफ्ट पार्टियां भी. 1996 के बाद कभी चुनाव नहीं जीतने के बाद भी स्टालिन ने कोयम्बटूर सीट पर अपना हाथ रख दिया. अन्नामलाई को हराने के मिशन के लिए लेफ्ट से जीती हुई सीट ले ली. कोयम्बटूर के मेयर रहे गणपति राज कुमार डीएमके के उम्मीदवार हैं. 

अन्नामलाई का इलेक्शन टेस्ट होना बाकी

डीएमके को अन्नामलाई से हिसाब चुकाना है. अन्नामलाई का इलेक्शन टेस्ट बाकी है लेकिन ऐसा माना जाता है कि तमिलनाडु में वो बीजेपी को चर्चा में भी लाए और अपनी लोकप्रियता ब़ढ़ाई. इन सबके लिए उन्होंने सबसे आसान रास्ता चुना डीएमके और स्टालिन सरकार पर निशाना बनाना. बहुत सारे नेताओं की देखादेखी उन्होंने भी तमिलनाडु की 234 विधानसीटों पर पदयात्रा निकालकर माहौल बनाया. अमित शाह ने यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी. मोदी यात्रा का समापन कराने आए थे. करुणानिधि के जाने के बाद स्टालिन ने तो डीएमके को संभाल लिया लेकिन जयललिता के बाद AIADMK का भारी नुकसान माना जाता है. ऐसा माना जा रहा है कि अन्नामलाई ने बीजेपी को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी की जगह तक तो पहुंचा दिया है. बीजेपी एनडीए की 8 पार्टियों के साथ चुनाव में उतरी है. अन्नामलाई की सलाह पर ही बीजेपी ने AIADMK से अलायंस तोड़ा लेकिन 8 रीजनल पार्टियों के साथ अलायंस किया है. 

पीएम मोदी भी कर रहे खूब मेहनत

ऐसा नहीं है कि बीजेपी ने सारा कुछ अन्नमलाई के भरोसे छोड़ा हुआ है. तमिलनाडु समेत पूरे दक्षिण भारत से जुड़ने के लिए पीएम मोदी खुद साल भर से जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं. इस साल के पहले तीन महीने में उन्होंने 22-23 दिन दक्षिण के राज्यों में बिताए हैं. तमिलनाडु के 6 दौरे किए. पॉलिटिकली और इमोशनली-हर तरह से कोशिश कर रहे हैं मोदी. पिछले साल 28 मई को संसद की नई बिल्डिंग की पूजा दक्षिण भारत के पुजारियों से कराई. नई संसद में सेंगोल यानी राजदंड स्थापित किया जिसका संबंध तमिलनाडु से है. तमिलनाडु की रैलियों में कहते हैं कि काश मैं तमिल बोल पाता. जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मोदी महाराष्ट्र के पंचवटी से लेकर तमिलनाडु के धनुषकोडी तक मंदिर यात्रा पर रहे. रामेश्वरम के समंदर में डुबकी तक लगाई.

तमिलनाडु के ज्यादातर ओपिनियन पोल का अनुमान है कि तमिलनाडु की 39 सीटें एकतरफा डीएमके-कांग्रेस अलायंस के पास जा सकती हैं. बीजेपी का खाता भी खुल जाए तो बड़ी बात होगी. अगर अन्नामलाई ऐसा कर पाए तो लोकसभा चुनाव में मोदी की थोड़ी मदद के साथ-साथ 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारियों को अच्छी शुरूआत दे पाएंगे.
 

    follow google newsfollow whatsapp