बिहार के लेटेस्ट सर्वे में घटती दिखीं BJP-NDA की सीटें, तेजस्वी को इतनी सीटों का फायदा

शुभम गुप्ता

15 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 15 2024 8:25 PM)

एबीपी न्यूज और सी-वोटर ने बिहार की सभी 40 सीटों को लेकर अपने लेटेस्ट ओपिनियन पोल का आंकड़ा जारी कर दिया है. इस सर्वे के मुताबिक 2019 के मुकाबले बीजेपी और एनडीए को नुकसान होता दिख रहा है.

Lok Sabha Election Bihar

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Opinion Poll: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल को पहले फेज की वोटिंग से पहले सियासी माहौल तेजी से बदलता नजर आ रहा है. तमाम ओपिनियन पोल्स और सर्वे सामने आ रहे हैं, जिसमें कहीं बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए को बढ़त दिख रही है, तो कहीं कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को. इसी बीच एबीपी न्यूज और सी-वोटर ने बिहार की सभी 40 सीटों को लेकर अपने लेटेस्ट ओपिनियन पोल का आंकड़ा जारी कर दिया है. इस सर्वे के मुताबिक 2019 के मुकाबले बीजेपी और एनडीए को नुकसान होता दिख रहा है. आइए आपको इस सर्वे की बड़ी बातों से रूबरू कराते हैं. 

क्या कहते हैं लेटेस्ट सर्वे के आंकड़े? 

एबीपी न्यूज और सी वोटर के इस सर्वे के मुताबिक बिहार में एनडीए को 33 सीटों पर जीत का आकलन पेश किया गया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के खाते में सात सीटें जाती नजर आ रही हैं. एक हिसाब से देखें तो एनडीए राज्य की सर्वाधिक सीटें तो जीत रहा है, लेकिन इसके बावजूद उसे नुकसान होता नजर आ रहा है. इस बात को समझने से पहले सर्वे के कुछ और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नजर डालते हैं.

कौन सी सीटों पर बाजी मार रहे तेजस्वी? 

सर्वे के बाद पहला सवाल यह सामने आ रहा है कि अगर महागठबंधन के खाते में बिहार की 7 सीटें जाती नजर आ रही हैं, तो वो सीटें आखिर कौन सी हैं. इस सर्वे में इसकी जानकारी भी दी गई है. इसके मुताबिक बिहार की अररिया, बक्सर, औरंगाबाद, काराकाट, पाटलिपुत्र, जहानाबाद और किशनगंज की लोकसभा सीट इंडिया गठबंधन के खाते में जाती नजर आ रही है. इसके अलावा बाकी सीटें बीजेपी-एनडीए के खाते में जाने का आकलन है. 

33 सीटें जीतने की संभावना के बावजूद बीजेपी का नुकसान कैसे? 

असल में 2019 के चुनाव में बीजेपी और एनडीए ने बिहार की 40 सीटों में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी. इस हिसाब से देखें तो सर्वे के मुताबिक एनडीए को 6 सीटों का नुकसान होता नजर आ रहा है. हालांकि यहां यह बात भी स्पष्ट कर देनी जरूरी है कि ये आंकड़े सर्वे के हैं और असल नतीजे अक्सर इससे उलट भी हो जाते हैं.

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