CM Mamata Banerjee: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक चल रही है. बैठक में शामिल होने पहुंची पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने बड़ा आरोप लगाते हुए बीच में ही बैठक छोड़कर बाहर निकल आई. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया और पांच मिनट में उन्हें स्टॉप कर दिया गया जबकि दूसरे CM 20 मिनट तक बोले.
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सत्तापक्ष के मुख्यमंत्रियों को 20 मिनट, मुझे सिर्फ 5 मिनट बोलने को मिला
राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में हो रही बैठक से निकलने के बाद ममता बनर्जी ने कहा, 'मैंने बैठक का बहिष्कार किया है. चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम ने 10-12 मिनट तक बात की. मुझे सिर्फ पांच मिनट बोलने के बाद ही रोक दिया गया. यह गलत है. विपक्ष की ओर से, सिर्फ मैं यहां प्रतिनिधित्व कर रही हूं, और इस बैठक में इसलिए भाग ले रही हूं क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत करने में मेरी अधिक रुचि है.
उन्होंने आगे कहा कि, नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं. मैंने अपना विरोध दर्ज कराया और मैं बाहर आ गई.'
मेरा अपमान किया गया- ममता
बंगाल सीएम ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक से तमतमाए हुए निकलीं. बैठक से निकलने के बाद उन्होंने कहा, 'मैंने कहा योजना आयोग को वापस ले आइए, बंगाल को फंड दीजिए और आप भेदभाव मत कीजिए. मैंने बोला जब केंद्र सरकार चलाते हैं तो सारे राज्यों का सोचना चाहिए. मैं सेंट्रल फंड के बारे में बता रहा थी कि इसे पश्चिम बंगाल को नहीं दिया जा रहा है, तभी उन्होंने मेरा माइक म्यूट कर दिया. मैंने कहा कि विपक्ष से मैं ही बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और सरकार को अधिक वरीयता दे रहे. यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है. ये तो मेरा भी अपमान है.'
इन राज्यों के CM बैठक में नहीं हुए शामिल
नीति आयोग की बैठक का INDIA ब्लॉक के कई मुख्यमंत्रियों ने बहिष्कार किया है. तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) नेता पिनाराई विजयन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और सभी तीन कांग्रेस मुख्यमंत्रियों- कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी सहित कई विपक्षी मुख्यमंत्रियों (सीएम) ने नीति आयोग की अहम बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. इसके अलावा NDA के सहयोगी नीतीश कुमार भी बैठक में नहीं पहुंचे है और इसकी वजह अभी सामने नहीं आई है.
नीति आयोग की बैठक का ये है एजेंडा
नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने पर ध्यान केंद्रित है. केंद्र और राज्य सरकारों की साझेदारी और सहयोग के जरिए गांवों और शहरों में रहने वाली जनता की क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार लाने के लिए डिलिवरी मैकेनिज्म तैयार करने पर चर्चा की जाएगी. नीति आयोग ने एक बयान में कहा, भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और देश 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करेगा.
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