UP By-Election: उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे है. मतदान के बीच कई जगहों से विवाद की खबरें सामने आ रही है. कई जगह लोगों को मतदान करने से रोकने की भी बातें सामने आ रही है. समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर यूपी उपचुनाव के दौरान कुछ समुदायों को मतदान से रोके जाने की शिकायत की है. अखिलेश यादव ने भी फ्री एंड फेयर मतदान की अपील की है और अधिकारियों को इसके लिए चेताया है.
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सपा ने मतदाताओं को रोके जाने का वीडियो किया शेयर
सपा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है. निर्वाचन आयोग ने सीसामऊ में मतदान करने जाते मतदाताओं के पहचान पत्र जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने मुजफ्फरनगर में 2 सब इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एसआई नीरज कुमार, एसआई ओमपाल सिंह पर कार्रवाई हुई है. मतदाता मतदान के लिए चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन न करने के कारण दोनों को निलंबित किया गया है.
आयोग ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी योग्य मतदाता को मतदान से न रोका जाए. मतदान के दौरान किसी भी प्रकार का पक्षपाती रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शिकायत मिलने पर फौरन जांच पड़ताल होगी. कोई भी दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है मामला?
कानपुर के सीसामऊ में मतदाताओं के पहचान पत्र चेक कर उन्हें वोट डालने से रोकते हुए वापस भेजने का वीडियो मिलने के बाद निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई की. सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह और राकेश कुमार नादर को तत्काल निलंबित कर जांच और पूछताछ शुरू कर दी गई है. आयोग का स्पष्ट आदेश है कि पुलिस किसी भी किस्म से मतदाताओं की जांच या तस्दीक नहीं करेगी. ये अधिकार आयोग की ओर से नियुक्त चुनाव टीम यानी मतदान पार्टी और उम्मीदवारों के एजेंट का है. लिहाजा पुलिस सिर्फ सुरक्षा और कानून व्यवस्था का ध्यान रखे.
चुनाव वाले सभी 9 जिलों में तैनात पुलिस और सामान्य पर्यवेक्षकों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि वे कड़ी नजर रखें. यह सुनिश्चित करें कि मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से हो.
निष्पक्ष और सुचारू रूप से सुनिश्चित हो मतदान: CEC राजीव कुमार
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने CEO UP और सभी जिला चुनाव अधिकारी (DEOs)/रिटर्निंग अधिकारी (ROs) को सख्त निर्देश दिया है कि मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुचारू रूप से सुनिश्चित करें. सभी शिकायतों का तुरंत संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई करें. इसके साथ ही की गई कार्रवाई को सोशल मीडिया के जरिये भी शिकायतकर्ता को भी टैग कर सूचित करें.
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