EVM and VVPAT: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(EVM) और वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल(VVPAT) को लेकर विवाद चल रहा है. विपक्षी दलों के INDIA अलायंस ने पिछले दिनों इन्हें लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए थे. अब चुनाव आयोग की तरफ से उसका जवाब आया है. चुनाव आयोग ने EVM और VVPAT को लेकर कई बड़ी बातें कही हैं. आइए आपको बताते हैं चुनाव आयोग ने इस मामले पर क्या-क्या कहा है.
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बीते दिनों कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विपक्षी दलों की तरफ से चीफ इलेक्शन कमिश्नर को चिट्ठी लिखी थी और VVPAT पर चर्चा के लिए INDIA अलायंस के डेलीगेशन से मुलाकात का वक्त मांगा था.
EVM और VVPAT पूरी तरह सेफ: चुनाव आयोग
आयोग ने जवाब देते हुए कहा कि, हम EVM और VVPAT के मुद्दे पर पहले ही अपना स्टैंड साफ कर चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट भी EVM और VVPAT के मुद्दे पर अपना फैसला सुना चुके हैं. आयोग सुप्रीम कोर्ट के सामने भी EVM और VVPAT के मुद्दे पर अपना जवाब दे चुका है. जयराम रमेश ने तो खुद सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर जो अर्जी लगाई थी वो अभी तक लंबित है. ‘EVM में कोई कमी या गड़बड़ी नहीं है’. चुनाव आयोग ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा कि EVM और VVPAT की ट्रांसपैरेंसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में पहले भी अर्जी लगाई गई थी. कोर्ट ने अर्जी को खारिज करने के साथ ही उसे पब्लिसिटी स्टंट बताया था और 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
निर्वाचन आयोग के मुख्य सचिव प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कि, हाल की ये चिट्ठी EVM या VVPAT पर कोई नया मुद्दा नहीं उठाती है. इसमें कोई नया दावा या कोई वैध शंका नहीं है, जिसके लिए सफाई की जरूरत है. चुनाव आयोग ने कुल मिलाकर इसको लेकर किए जा रहे दावों को संदर्भ से बाहर बताया है.
क्या है पूरा मामला
विपक्षी दलों ने VVPAT को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी. इन दलों की तरफ से मांग थी कि VVPAT की पर्चियां मतदाताओं को सौंपी जाएं, जिससे मतदाताअपने डाले गए वोटों की पुष्टि कर सकें. उसके बाद इसे एक अलग बॉक्स में डाल सकें. वहीं VVPAT पर्चियों और EVM के 100 फीसदी मिलान की भी मांग की गई थी.
कुल मिलाकर देखा जाए तो अब चुनाव आयोग ने ये साफ कर दिया है कि EVM और VVPAT दोनों पूरी तरह से सही है और इनके इस्तेमाल पर सवाल उठाना गलत है.
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