राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए PM मोदी ‘यम नियम’ का करेंगे पालन, क्या होता है ये?

अभिषेक

• 10:45 AM • 12 Jan 2024

प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं बल्कि किसी भी यज्ञ या समारोह के लिए दीक्षित होने से पहले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तौर पर केंद्रित होने के लिए ‘यम नियम’ का पालन करने का विधान है.

Narendra Modi Yam Niyam

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Ram Mandir: सालों के इंतजार के बाद अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है. इसी महीने की 22 तारीख को मंदिर के गर्भगृह में बाल रुली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश दुनिया से लोगों को आमंत्रित किया गया है. अब राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में मात्र 10 दिन बचे है. इसी बीच पीएम मोदी ने आज एक ऑडियो संदेश जारी कर इस समारोह में शामिल होने के प्रति उत्सुकता जताई हैं. महोत्सव के मुख्य यजमान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा कर दी है कि, इस भूमिका में आने के लिए उन्होंने विशेष ‘यम नियमों’ का पालन करना शुरू कर दिया है. आइए आपको बताते हैं क्या होते है ये नियम.

धर्म शास्त्रों और धार्मिक आयोजनों के विशेषज्ञ पंडित राजकुमार मिश्रा के मुताबिक, सिर्फ प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं बल्कि किसी भी यज्ञ या समारोह के लिए दीक्षित होने से पहले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तौर पर केंद्रित होने के लिए ‘यम नियम’ का पालन करने का विधान है. शास्त्रों में अष्टांग योग के आठ अंगों में सबसे पहले यम और फिर नियम की ही व्याख्या है. यम के पांच प्रकार होते हैं. अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह. यानी मन, वचन और कर्म से अहिंसा और सत्य का पालन, अस्तेय यानी चोरी की भावना का त्याग करते हुए ब्रह्मचर्य का पालन करना.

इसके पांच नियम भी हैं. इनमें सबसे पहले शुचिता यानी स्वच्छता, संतोष की भावना, तप और जप यानी प्रणव मंत्र का जाप, धर्म शास्त्रों का स्वाध्याय और ईश्वर का प्राणिधान यानी पूर्ण आस्था होना आवश्यक है. आत्म संयम के इन पड़ावों को पार करके फिर कोई व्यक्ति दीक्षित होने या यजमान बनकर यज्ञ या अनुष्ठान करने का शास्त्रीय तौर पर अधिकारी होता है.

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