Congress-AAP Coalition in Haryana: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर बीते दिन कांग्रेस कार्य समिति(CEC) की बैठक हुई. बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा के साथ-साथ हरियाणा में आम आदमी पार्टी(AAP) से अलायंस करने को लेकर बात हुई. जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने हरियाणा में रणनीतिक रूप से AAP से गठबंधन बनाने की बात कही है. इस खबर के आन के बाद से ही AAP की तरफ से इसका स्वागत किया गया है. आइए आपको बताते हैं कांग्रेस की रणनीति के पीछे की क्या है असली वजह.
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क्या है कांग्रेस-AAP के गठबंधन का प्लान?
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि CEC में एक शीर्ष नेता ने हरियाणा में AAP के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा की. इसका विरोध भी देखने को मिला. हालांकि पार्टी नेतृत्व का ये मत था कि, AAP से जोड़ने की संभावना को उचित मौका दिया जाना चाहिए. राहुल गांधी ने भी नेताओं से यह देखने के लिए कहा कि क्या AAP के साथ किसी तरह के गठबंधन की गुंजाइश हो सकती है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस, AAP को कुछ सीटें देकर अपने साथ लाने पर विचार कर रही है. पार्टी का ये मानना है कि, उसे समाजवादी पार्टी, AAP जैसे अन्य सहयोगियों की मांगों पर विचार करना होगा. कांग्रेस 'बड़े भाई'(Big Brother) की तरह उनकी बातों पर अमल करेगी.
लोकसभा चुनाव में नहीं कारगर हुआ था गठबंधन
जून 2024 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी हरियाणा और दिल्ली में कांग्रेस-AAP के बीच गठबंधन था. हालांकि इसके बावजूद भी बीजेपी ने दिल्ली की सभी सीटों और हरियाणा में चुनाव लड़ रहे AAP नेता सुशील गुप्ता की सीट पर जीत दर्ज की. यानी की कांग्रेस का गठबंधन फ्लॉप शो साबित हुआ. 4 जून को लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद से ही दिल्ली में AAP और कांग्रेस दोनों ही घोषणा कर चुके हैं कि दिल्ली विधानसभा को लेकर गठबंधन नही होने जा रहा. हालांकि इसके बाद भी राहुल गांधी ने कांग्रेस-AAP के गठबंधन के लिए विचार करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि, कांग्रेस अधिक उदार होगी और गठबंधन की भावना को बनाए रखने के लिए कुछ नुकसान उठाने को तैयार होगी.
AAP सांसद संजय सिंह ने क्या कहा
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और AAP के गठबंधन पर पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा, 'मैं राहुल गांधी के इस बयान का स्वागत करता हूं, हमारी प्राथमिकता बीजेपी को हराना है'. उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रभारी संदीप पाठक और आप हरियाणा अध्यक्ष सुशील गुप्ता के इनपुट के आधार पर पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल इसपर आधिकारिक निर्णय लेंगे.
आखिर कांग्रेस क्यों करना चाह रही गठबंधन
नवंबर 2023 में तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए. चुनाव में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से कॉन्फिडेंट नजर आ रही थी और अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी. समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने MP में कांग्रेस से गठबंधन करने को लेकर बात चलाई लेकिन कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ ने उन्हें भाव तक नहीं दिया और 'अखिलेश-वखीलेश' तक कह दिया था. मतदान के बाद जब नतीजे आए तब कांग्रेस जो 150 सीटों का दावा कर रही थी वो 66 सीटों पर सिमट गई. पार्टी का कुछ ऐसा ही हाल राजस्थान में हुआ. ऐसा माना जा रहा है कि, कांग्रेस इसी तरह के सियासी नुकसान से बचने के लिए कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है और हर गठबंधन को लेकर कवायद में है.
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