New CEC Gyanesh Kumar Appointment: देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति तय हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित चयन समिति की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी. हालांकि, कांग्रेस ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. आइए जानते हैं कि कांग्रेस इस नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध क्यों कर रही है.
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चयन प्रक्रिया पर कांग्रेस को आपत्ति
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, जिस कारण नए सीईसी के चयन हेतु 12 फरवरी को बैठक आयोजित की गई. इस तीन सदस्यीय पैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल थे. बैठक में ज्ञानेश कुमार को नया सीईसी बनाने पर सहमति बनी, लेकिन राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई. उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे से संबंधित याचिकाएं लंबित हैं, अतः शीर्ष अदालत के निर्णय तक नियुक्ति स्थगित की जानी चाहिए थी.
विपक्ष ने जाहिर की चिंता
पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने एक नया कानून पारित किया, जिसके तहत सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया से भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को हटा दिया गया. पहले यह नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर होती थी और चयन समिति में CJI भी शामिल होते थे, लेकिन अब इस प्रक्रिया को संशोधित कर दिया गया है. यह नियुक्ति अब 2023 में लागू हुए 'CEC और EC की नियुक्ति (नियम, सेवा शर्तें एवं कार्यकाल)' अधिनियम के तहत होती है.
विपक्ष का तर्क है कि इस बदलाव से पारदर्शिता पर असर पड़ेगा. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रही है. इसी मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है.
राहुल गांधी ने नियुक्ति का किया विरोध
चयन समिति की बैठक में राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से इस नियुक्ति का विरोध किया और इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भावना के विपरीत बताया. उन्होंने सरकार को एक विरोध पत्र भी सौंपा, जिसमें अनुरोध किया गया था कि शीर्ष अदालत के फैसले तक चयन प्रक्रिया स्थगित रखी जाए. कांग्रेस ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस विषय पर 19 फरवरी को सुनवाई करने वाला है, इसलिए नियुक्ति को टालने का अनुरोध किया गया था.
कांग्रेस का बयान: संविधान को खतरा?
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि विपक्ष को पहले से अंदेशा था कि सरकार विपक्षी नेता की आपत्तियों को नजरअंदाज करेगी. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है और इसीलिए मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को समाप्त कर दिया गया. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी इसे संविधान की मूल भावना के विरुद्ध बताया.
कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उनका जन्म 27 जनवरी 1964 को उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ. उन्होंने वाराणसी के क्वींस कॉलेज और लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक, आईसीएफएआई से बिजनेस फाइनेंस में पोस्ट ग्रेजुएशन और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एनवायरमेंटल इकोनॉमिक्स में विशेषज्ञता प्राप्त की.
अपने करियर में उन्होंने केरल के एर्नाकुलम में असिस्टेंट कलेक्टर, अडूर में डिप्टी कलेक्टर, कोचीन नगर निगम में म्युनिसिपल कमिश्नर जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. इसके अलावा, वे केरल अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम के प्रबंध निदेशक भी रहे.
ज्ञानेश कुमार 31 जनवरी 2024 को भारत सरकार में सहकारिता सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. इसके बाद 14 मार्च 2024 को उन्हें भारत निर्वाचन आयोग में चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया.
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