हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने रिटेल इन्वेस्टर्स को आगाह कर साधा SEBI चीफ माधबी बुच पर निशाना 

अभिषेक

• 03:58 PM • 12 Aug 2024

Rahul gandhi on Hindenburg Report: LoP राहुल गांधी ने सरकार से ये सवाल पूछा कि, देश भर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं: सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अ

NewsTak
follow google news

Hindenburg Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते शनिवार को एक नई रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप और भारतीय मार्केट रेग्युलेटर (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को लेकर कई आरोप थे. इस रिपोर्ट के आने के बाद से ही SEBI, माधबी बुच को लेकर कई सवाल उठ रहे है. हालांकि उन्होंने इस रिपोर्ट को निराधार और पर्सनल अटैक बताया है. इन्हीं सब के बीच विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर इस मुद्दे पर बयान जारी किया है. उन्होंने रिटेल इन्वेस्टर्स को आगाह करते SEBI चेयरपर्सन पर निशाना साधा है.  हुए आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या-क्या कहा?

क्या कहा राहुल गांधी ने?

राहुल गांधी ने रविवार को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से संस्था की शुचिता के साथ 'गंभीर समझौता’ हुआ है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फिर स्वत: संज्ञान लेगा? कांग्रेस नेता गांधी ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि अब यह ‘पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की जांच से इतने डरे हुए क्यों हैं.’

LoP ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व निभाने वाले प्रतिभूति नियामक SEBI की शुचिता, इसकी अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. देश भर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं: सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, SEBI अध्यक्ष या गौतम अदाणी?’

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में क्या दावा किया है?

अमेरिका की रिसर्च और शॉर्ट सेलर फर्म  हिंडनबर्ग ने शनिवार रात को एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें उसने संदेह जताया गया है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक SEBI की अनिच्छा का कारण SEBI प्रमुख माधबी बुच और उनके पति धवल बुच की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है. सेबी ने इस रिपोर्ट पर रविवार को कहा कि उसने अदाणी समूह के खिलाफ सभी आरोपों की विधिवत जांच की है और अध्यक्ष ने समय-समय पर संबंधित जानकारी दी तथा संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग रखा. 

वहीं आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो 2017 में SEBI के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति तथा मार्च 2022 में चेयरपर्सन के रूप में उनकी पदोन्नति से काफी पहले था ये निवेश ‘सिंगापुर में रहने के दौरान निजी तौर पर आम नागरिक की हैसियत से’ किए गए थे. SEBI में उनकी नियुक्ति के बाद ये कोष ‘निष्क्रिय’ हो गए.

    follow google newsfollow whatsapp