6 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी नहीं दी, ADR ने SBI के खिलाफ SC में लगाई अवमानना याचिका

अभिषेक

07 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 7 2024 2:31 PM)

देश में लोकतान्त्रिक सुधारों को लेकर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(ADR) ने सुप्रीम कोर्ट(SC) में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(SBI) के खिलाफ अवमानना ​​याचिका दायर की है.

NewsTak
follow google news

Electoral Bond Case: देश में लोकतान्त्रिक सुधारों को लेकर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(ADR) ने सुप्रीम कोर्ट(SC) में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(SBI) के खिलाफ अवमानना ​​याचिका दायर की है. पिछले दिनों SC के संवैधानिक बेंच ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े फैसले में ये कहा था कि, 6 मार्च तक SBI इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी चुनाव आयोग के साथ साझा करेगा जो SBI ने नहीं किया. इसी के बाद ADR ने SBI के खिलाफ यह अवमानना याचिका दायर की है. ADR ने इस अवमानना याचिका पर SC से जल्द सुनवाई की मांग भी की है. 

अपनी याचिका में क्या-क्या लिखा है ADR ने 

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(ADR) ने दायर याचिका में लिखा है कि, भारतीय स्टेट बैंक ने जानबूझकर अंतिम समय में जानकारी साझा करने के समय बढ़ाने की अर्जी दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि,आगामी लोकसभा चुनाव से पहले दानकर्ता का विवरण और दान की राशि जनता के सामने प्रकट न हो सके. SBI ने 15 फरवरी को आए SC के फैसले के बाद अपनी तरफ से इसपर उठाए गए कदमों का भी कोई जिक्र नहीं किया है, जो माननीय न्यायालय के दिए गए निर्णय का आंशिक अनुपालन दिखाता है. 

ADR के कहा है कि, SBI के पास चुनावी बांड के लिए आवंटित यूनिक कोड और उसके खरीदार के केवाईसी विवरण का रिकॉर्ड है जो पूरी तरह से सॉफ्टवेयर आधारित है इसमें किसी प्रकार के मैन्युअल वेरीफिकेशन की आवश्यकता नहीं है. इस डेटा में से कोई भी जानकारी सॉफ्टवेयर क्वेरी ऑप्शन से आसानी से निकाला जा सकता है. यानी इससे साफ है कि SBI इलेक्टोरल बॉन्ड के प्रत्येक के खरीदार की पहचान से अच्छी तरह वाकिफ है लेकिन वह जानकारी साझा नहीं कर रहा है.  

ADR ने आगे लिखा है कि, राजनीतिक दलों के वित्त में किसी भी प्रकार की गुमनामी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सहभागी लोकतंत्र और लोगों के जानने के अधिकार के खिलाफ है. इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में जानकारी की होने से मतदाताओं को वास्तव में निरीक्षण करने और अपना वोट तय करने में आसानी होगी. 

SBI ने 30 जून तक का मांगा है समय 

भारतीय स्टेट बैंक (SBI ) ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड पर जानकारी देने की समय सीमा को बढ़ाने का आग्रह किया. SBI ने सुप्रीम कोर्ट से भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को चुनावी बॉन्ड के संबंध में जानकारी देने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने का आग्रह किया. समय सीमा बढ़ाने के पीछे SBI ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ये दलील रखी कि, ये काम जटिल है. SBI ने कहा है कि, चुनावी बॉन्ड को डिकोड करना और दानकर्ता के दान से इसके मिलान करने की प्रक्रिया जटिल है. यही वजह है कि इसमे  काफी समय लगेगा जिसके लिए वक्त मांगा गया है. आपको बता दें कि SBI की समय सीमा बढ़ाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में 11 मार्च को सुनवाई होनी है.

    follow google newsfollow whatsapp