गुजरात दंगे में हुआ गैंगरेप, परिवार के 7 लोगों का मर्डर! बिलकिस के गुनहगार अब जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे

अभिषेक

08 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 8 2024 6:11 AM)

पिछले साल अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा को माफ करते हुए रिहा कर दिया था. तबतक दोषियों ने लगभग 15 साल जेल में बिताया था. सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई थी.

Bilkis Bano

Bilkis Bano

follow google news

Bilkis Bano Rape Case: बिलकिस बानो सामूहिक रेप केस में आज सुप्रीम कोर्ट (SC) ने बड़ा फैसला सुनाया है. SC ने दोषियों के रिहाई के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है. SC ने गुजरात सरकार के फैसले को पलटते हुए 11 दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. SC ने फैसले में ये कहा कि, सजा पर माफी उसी राज्य की सरकार सुना सकती है, जिस राज्य में सजा का ऐलान हुआ हो. न की उस राज्य की सरकार जहां क्राइम हुआ हो. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह में दोषियों को सरेंडर करने का आदेश भी दिया है.

यह भी पढ़ें...

बिलकिस बानो और उनके परिवार के साथ दुर्दांत घटना गुजरात में हुई थी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों को साल 2008 में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. पिछले साल अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा को माफ करते हुए उन्हें रिहा कर दिया था. तबतक दोषियों ने लगभग 15 साल जेल में बिताया था.सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई थी. जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही थी.

पहले जानिए क्या है पूरा मामला?

साल 2002 में 27 फरवरी को गुजरात में गोधरा कांड हुआ था. इसमें स्टेशन पर खड़ी साबरमती एक्स्प्रेस में आग लगा दिया गया. इसी ट्रेन में कारसेवक सवार थे. आग की वजह से 59 कारसेवकों की जलकर मौत हो गई थी. इसी के बाद प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए.

इसी दंगे के बीच बिलकिस बानो फंस गई थी. दंगे से बचने के लिए वो अपनी तीन साल की बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर भाग गई. बिलकिस और उनका परिवार जहां छिपा हुआ था, वहां 3 मार्च 2002 को दंगाई भीड़ ने हमला कर दिया. भीड़ ने बिलकिस के साथ सामूहिक रेप किया. तब बिलकिस 21 साल की थीं और वो पांच महीने की गर्भवती भी थीं. यही नहीं भीड़ ने उनके परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था.

Bilkis Bano with her daughter

अबतक क्या हुआ था इस मामले में?

बिलकिस बानो का यह मामला बहुत सुर्खियों में रहा. देश की सर्वोच्च अदालत ने इसकी सीबीआई जांच का आदेश दिया. साल 2004 में इस मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले का ट्रायल अहमदाबाद हाई कोर्ट में शुरू हुआ. फिर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ये मामला मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया.

साल 2008 में 21 जनवरी को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. वहीं 7 आरोपियों को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया गया था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी सीबीआई कोर्ट की सजा को बरकरार रखा था. 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एस मामले में गुजरात की सरकार से बिलकिस बानो को 50 लाख का मुआवजा के साथ नौकरी और घर देने का आदेश दिया था.

साल 2022 में गुजरात सरकार ने इस केस में उम्रकैद पाए सभी आरोपियों जसवंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेष भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरधिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेशभट्ट और रमेश चंदाना को रिहा कर दिया था. इसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया.

    follow google newsfollow whatsapp