डीके सुरेश, नकुल नाथ, दीपक बैज… कांग्रेस के तीन और सांसद लोकसभा से निलंबित

NewsTak

21 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 21 2023 10:44 AM)

कांग्रेस सांसद डीके सुरेश, नकुल नाथ और दीपक बैज समेत तीन और सांसद लोकसभा से निलंबित हुए हैं. लोकसभा से निलंबित सांसदों की संख्या 100 पार.

डीके सुरेश, नकुल नाथ, दीपक बैज कांग्रेस के तीन और सांसद लोकसभा से निलंबित

डीके सुरेश, नकुल नाथ, दीपक बैज कांग्रेस के तीन और सांसद लोकसभा से निलंबित

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Three more Congress MPs suspended: संसद में चल रहे हंगामे का दौर गुरुवार को भी जारी है. इस बीच लोकसभा से कांग्रेस के 3 और सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. कांग्रेस सांसद डीके सुरेश, नकुल नाथ और दीपक बैज समेत तीन और सांसद लोकसभा से निलंबित हुए हैं. डीके सुरेश कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के छोटे भाई हैं. वहीं नकुल नाथ मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे हैं.

अकेले लोकसभा से निलंबित किए गए सांसदों की संख्या 100 की संख्या पार कर गई है. पिछले हफ्ते के गुरुवार को 13 सांसद सस्पेंड किए गए थे. फिर इस हफ्ते के सोमवार को 33 सांसद, मंगलवार को 49, बुधवार को 2 और आज गुरुवार को 3 सांसद सस्पेंड किए गए. राज्यसभा मिला दें, तो सदन के दोनों सदनों से 146 सांसद निलंबित हैं.

जानकारी के मुताबिक आज का सस्पेंशन तब हुआ जब लोकसभा में ‘प्रेस और नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक, 2023’ पर चर्चा चल रही थी. इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने इनके निलंबन का प्रस्ताव रखा. भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन पहली बार देखे को मिल रहा है. यह अपने में एक रिकॉर्ड है. इससे पहले 1989 में लोकसभा के 63 सांसद सस्पेंड हुए थे. पर इसबार मामला कुछ ज्यादा ही आगे चला गया है.

निलंबित सांसदों का संसद के बाहर प्रदर्शन जारी, उधर सचिवालय के नियम हुए सख्त

सस्पेंड हुए सांसद रोज कभी नई संसद के एंट्री गेट पर तो कभी गांधीजी की मूर्ति के आगे बैठकर धरना दे रहे हैं. इसी बीच सस्पेंड हुए सांसदों के लिए लोकसभा सचिवालय ने नियमों को और सख्त करते हुए कई बंदिशें लगा दी है. लोकसभा सचिवालय ने सर्कुलर निकाला है. सर्कुलर में ये है कि सस्पेंड किए गए 143 सांसद पार्लियामेंट चैंबर, लॉबी और गैलरी में दाखिल नहीं हो सकते. सांसदों के नाम से कोई बिजनेस भी लिस्ट नहीं होगा.

सांसदों के संसद आकर हाजिरी लगाने पर जो डेली अलाउंस मिलता है वो भी अब नहीं मिलेगा. सस्पेंड सांसदों के लिए ‘नो वर्क, नो पे’ का सिद्धांत लागू होगा. वहीं जो सांसद संसदीय कमेटियों के सदस्य हैं वे कमेटियों की बैठकों में भी हिस्सा नहीं ले सकते और वोटिंग से भी दूर रहेंगे.

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