Tirupati Laddoo Controversy: चंद्रबाबू ने जगन मोहन के रचा 'चक्रव्यूह', लेकिन फंस गई BJP

रूपक प्रियदर्शी

20 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 20 2024 4:47 PM)

Tirumala Laddoo Controversy: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी वाले घी के इस्तेमाल की पुष्टि होने केे बाद बवाल मच गया है. आरोप लग रहे हैं कि हिंदू धर्म की हानि हो रही थी. श्रद्धालुओं की आस्था के साथ भयंकर पाप हो रहा था. गुजरात की लैब से टेस्टिंग कराकर इसका खुलासा करके आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू हीरो बन गए.

चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी (फाइल फोटो- पीटीआई)

चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी (फाइल फोटो- पीटीआई)

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Tirupati Laddoo Controversy: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी वाले घी के इस्तेमाल की पुष्टि होने पर बवाल हो गया. इसके बाद आरोप लग रहे हैं कि इससेे हिंदू धर्म की हानि हो रही थी. श्रद्धालुओं की आस्था के साथ भयंकर पाप हो रहा था. गुजरात के लैब से टेस्टिंग कराकर इसका खुलासा करके आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू हीरो बन गए. जगन मोहन रेड्डी जिनके राजपाट में इतना बड़ा अधर्म हो गए विलेन बन गए. चंद्रबाबू नायडू ने चक्रव्यूह रचा जगन मोहन रेड्डी के लिए लेकिन फंस गई बीजेपी. बीजेपी के लिए तो दोनों ही अपने हैं. 

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पिछले 10 साल से बीजेपी सत्ता के लिए चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी का समर्थन लेती रही. 2014 में पहली बार मोदी सरकार बनी तब टीडीपी सरकार का समर्थक होती थी. 2019 में चंद्रबाबू नायडू का सितारा डूब गया. जगन मोहन का भाग्योदय हुआ. मोदी सरकार 2 को किसी बाहरी समर्थन की जरूरत नहीं थी लेकिन वाईएसआरसीपी के जगन मोहन रेड्डी ने बिन मांगे खुलकर बीजेपी का समर्थन किया. एनडीए में शामिल नहीं हुए लेकिन हर मुद्दे पर विपक्ष को कमजोर करने के लिए बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देते रहे. 

इस रिश्ते का कोई नाम नहीं था लेकिन रिश्तेदारी गहरी थी. मार्च 2022 में निर्मला सीतारामन ने दावा किया था कि जगन मोहन को लेकर मोदी fatherly affection रखते हैं. जब तक चंद्रबाबू से अलायंस नहीं हुआ था, मोदी जगन मोहन पर सॉफ्ट रहे. अलायंस होते ही कौन जगन मोहन वाली स्थिति बन गई. चुनाव आते-आते ये fatherly affection कम होता गया. 

चुनाव में खिलाफ हो गए मोदी

चुनावों में मोदी ने न केवल जगन मोहन को हराने की अपील की बल्कि यहां तक कहा कि जगन रेड्डी को कभी सहयोगी नहीं माना. कहने लगे कि ये मत सोचिए कि जगन मोहन और कांग्रेस अलग-अलग है. बीजेपी ने जगन मोहन रेड्डी से 5 साल समर्थन लेने में कोई लिहाज नहीं किया लेकिन आंध्र प्रदेश जीतने के लिए YSRCP के खिलाफ टीडीपी से अलायंस किया. कीमत जगन ने दोनों चुनाव बुरी तरह हार कर चुकाई. फिर भी होश में नहीं आए. फिर बिना मांगे लोकसभा-राज्यसभा के 15 सांसदों के समर्थन की चैरिटी बीजेपी को दे दी. 

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लड्डू विवाद का खुलासा होने पर बीजेपी अभी फ्रंटफुट पर नहीं आई लेकिन सरकार जांच के लिए एक्टिव है. आरएसएस ने जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संघ के माउथपीस पांचजन्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता. जगनमोहन रेड्डी की सरकार ने हिन्दुओं की आस्था के साथ किया अन्याय!

सनातन को लेकर होते रहे विवाद

देश की राजनीति में धर्म और धर्म में राजनीति घुसी हुई है. सनातन धर्म को लेकर विवाद होते रहे. कई मौकों पर बिना किसी कसूर के तोहमत कांग्रेस, राहुल गांधी पर लगे. लड्डू वाले विवाद में बिलकुल सेफ है कांग्रेस. नायडू के लड्डू से कांग्रेस को मौका मिला है बीजेपी को घेरने का. कांग्रेस ने जगन मोहन रेड्डी औ बीजेपी का इतिहास उधेड़ दिया कि जब तक YSRCP सरकार सत्ता में थी, उसने मोदी सरकार का पूरा समर्थन किया था. नायडू की नीयत पर भी कांग्रेस का सवाल है कि एक लैब टेस्ट सामने लाकर हम सबको परेशान करने के बजाय, बेहतर होता कि पहले ही जांच के आदेश दे देते. 

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आरोप जगन मोहन रेड्डी सरकार पर

जगन मोहन रेड्डी तिरुपति बालाजी का प्रसाद लड्डू नहीं बना रहे थे. 50 साल से कर्नाटक की सरकारी कंपनी नंदिनी शुद्ध लड्डू की सप्लाई करती थी. जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने नंदिनी से कॉन्ट्रैक्ट छीनकर एआर डेयरी नाम की निजी कंपनी को लड्डू का ठेका दिया जिस पर लड्डू के लिए चर्बी वाला घी सप्लाई करने का आरोप लगा है. कार्रवाई कंपनियों पर होगी लेकिन जिम्मेदारी जगन मोहन रेड्डी सरकार की भी तय होगी. 

मामला हिंदू धर्म से जुड़ा है जो इतनी आसानी से शांत नहीं होने वाला. पहले से चंद्रबाबू का कोप झेल रहे जगन मोहन को दिख रहा है कि आगे के दिन और मुश्किल भरे हो सकते हैं. जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम NSA लगाने की मांग हो रही है. जगन मोहन ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाकर आरोपों की न्यायिक जांच की मांग की है. 25 सितंबर से सुनवाई  शुरू होगी.

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