संदेशखाली केस क्या है जिसे लेकर पश्चिम बंगाल में मचा हुआ है भारी बवाल

अभिषेक

• 12:56 PM • 14 Feb 2024

पिछले दिनों संदेशखाली में हिंसा भड़क गई थी जिसपर कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया. इसके बाद ये मामला चर्चा में आया.

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Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के एक गांव संदेशखाली को लेकर सूबे और देश में सियासी बवाल मचा हुआ है. यहां की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख और अन्य नेताओं पर यौन शोषण यहां तक कि गैंगरेप तक के आरोप लगाए हैं. पीड़ित महिलाएं सामने आई हैं, तो बीजेपी ने इसे सियासी मुद्दा बना दिया है. इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए सुनवाई का आदेश दिया है.

कैसे खुला मामला?

पिछले दिनों संदेशखाली में हिंसा भड़क गई थी जिसपर कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया. इसके बाद ये मामला चर्चा में आया. फिर हाई कोर्ट की बेंच ने संदेशखाली में हुई घटना पर दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई की इजाजत दे दी. जस्टिस अपूर्ब सिन्हा रॉय ने कहा कि, मैं संदेशखाली की दो घटनाओं से स्तब्ध हूं. पहला मामला स्थानीय लोगों की जमीन जबरदस्ती कब्जा करने के आरोप से जुड़ा है और दूसरा बंदूक की नोक पर स्थानीय महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप के संबंध में है. उन्होंने कहा अदालत ने मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए सुनवाई की इजाजत दे दी है.

हाई कोर्ट के संज्ञान से एक दिन पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने भी संदेशखाली का दौरा किया था. तब उन्होंने कहा था कि, मैंने वहां आत्मा को झकझोर देने वाली चीखें सुनी हैं.

ऐसा क्या हो रहा था संदेशखाली में?

संदेशखाली में महिलाओं ने पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन किया था. महिलाओं का आरोप है कि स्थानीय TMC नेता शाहजहां शेख और उनके गिरोह ने उनका बंदूक की नोक पर जबरन सालों तक यौन उत्पीड़न किया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, शेख के साथियों ने आदिवासीयों की जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा भी कर लिया है. महिलायें प्रदर्शन करते हुए शाहजहां शेख को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं.

आखिर कौन है शाहजहां शेख?

शाहजहां शेख 42 साल का है. शेख ने बांग्लादेश सीमा के पास उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली ब्लॉक में मछली पालक और ईंट भट्टों के मजदूर के तौर पर शुरुआत की थी. 2004 में शेख ने ईंट भट्टों के यूनियन के नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया. साल 2012 में उसने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर खींचा. इसके बाद से प्रदेश की सत्ता के गलियारों में शेख का कद लगातार बढ़ा. 2018 में शेख ‘सरबेरिया अग्रहटी ग्राम पंचायत’ का उप प्रमुख बन सुर्खियों में आया. शेख राजनीति के साथ-साथ व्यापार में भी लगातार सक्रिय रहा है. यही वजह है कि उसे स्थानीय लोगों का समर्थन मिलता रहा है. जिसकी वजह से पार्टी में भी उसका प्रभुत्व बना हुआ है.

शेख पश्चिम बंगाल के कथित राशन घोटाले का भी आरोपी है. पिछले दिनों जब इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की टीम उसके खिलाफ कार्रवाई करने गई तब शेख के समर्थकों ने ED अधिकारियों पर हमला बोल दिया. तभी से शाहजहां शेख फरार है और उसका कोई अता-पता नहीं है.

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