Maharashtra: महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है. इस बीच एकनाथ शिंदे ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे उनके निवास 'वर्षा' या किसी अन्य स्थान पर समर्थन जताने के लिए एकत्र न हों. शिंदे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि महायुति की शानदार जीत के बाद राज्य में फिर से उनकी सरकार बनने जा रही है. उन्होंने लिखा, "महायुति ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा और आज भी हम साथ हैं. मैं कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि मेरे प्रति प्रेम के बावजूद 'वर्षा' पर या कहीं और एकत्र न हों. महाराष्ट्र को मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए महायुति हमेशा एकजुट रहेगी."
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इस बीच एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की मौजूदगी में इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया.
नई सरकार पर अटका फैसला
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, महायुति की बड़ी जीत के तुरंत बाद नई सरकार का गठन संभव लग रहा था. लेकिन शिवसेना के इस आग्रह के कारण कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहें, प्रक्रिया में देरी हुई है. चुनाव नतीजों के बाद यह चर्चा तेज थी कि विधानसभा में भाजपा को रिकॉर्ड सीटें दिलाने वाले देवेंद्र फडणवीस सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. हालांकि, महायुति नेताओं के बीच आम सहमति न बनने के कारण शपथग्रहण टल गया.
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली पहुंचे फडणवीस, शिंदे और अजित पवार ने भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की, ताकि मुख्यमंत्री पद पर बने गतिरोध को दूर किया जा सके.
शिवसेना ने दिया बिहार मॉडल का हवाला
शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने 'बिहार मॉडल' का जिक्र करते हुए शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखने की वकालत की. म्हास्के ने कहा, "जैसे बिहार में भाजपा ने संख्या बल पर ध्यान न देकर जेडीयू नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था, वैसे ही महाराष्ट्र में शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए. हालांकि, महायुति के वरिष्ठ नेता ही इस पर अंतिम फैसला लेंगे."
फडणवीस की मजबूत दावेदारी
भाजपा एमएलसी प्रवीण दारकेकर ने देवेंद्र फडणवीस को राज्य का नेतृत्व करने के लिए सबसे सक्षम उम्मीदवार बताया. वहीं, शिवसेना के कुछ नेताओं का कहना है कि शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, क्योंकि उनकी अगुवाई में शिवसेना ने शानदार प्रदर्शन किया. बता दें कि भाजपा ने फडणवीस के नेतृत्व में 132 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं.
महायुति के नेता करेंगे फैसला
सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी ने फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति जताई है, लेकिन भाजपा शिंदे को फिर से मौका देने के पक्ष में नहीं है. ऐसा करना पार्टी कैडर के मनोबल को कमजोर कर सकता है. फडणवीस ने भी सीएम पद को लेकर किसी विवाद से इनकार करते हुए कहा, "महायुति के नेता ही इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेंगे."
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