Vishnu deo Sai CG CM: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आखिरकार छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के चेहरे का चुनाव कर ही लिया. बीजेपी के विधायक दल की बैठक में कुनकुरी से विधायक विष्णुदेव साय को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. यानी विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. आदिवासी समाज से आने वाले नेता विष्णुदेव साय पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.
ADVERTISEMENT
छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी सीएम पद की रेस में बताए जा रहे थे. फिलहाल उन्होंने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनने की बधाई ट्वीट करके दी है. आइए आपको छत्तीसगढ़ के नए सीएम होने जा रहे विष्णुदेव साय के बारे में बताते हैं.
विष्णुदेव साय कौन हैं?
जशपुर जिले के कुनकुरी विधानसभा से नव निर्वाचित विधायक विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को हुआ. उनके पिता का नाम रामप्रसाद साय और माता का नाम जसमनी देवी है. विष्णुदेव साय की प्रारंभिक शिक्षा गांव के बगिया प्राथमिक स्कूल से हुई. छठवीं से 11 वीं तक कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की.
चार भाइयो में सबसे बड़े विष्णुदेव ने पारिवारिक कारणों से आगे की पढ़ाई छोड़ दी. घर में पिताजी के साथ खेती किसानी करने लगे. गांव से ही 1989 में उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत की. इसी साल वह पहली बार ग्राम पंचायत में वार्ड पंच बने. फिर 1990 में बगिया पंचायत के निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए. सरपंच बनते ही इन्हें तपकरा विधानसभा सीट से 1990 से 1998 तक भाजपा प्रत्याशी बनाया गया. पहली बार 26 साल की उम्र में विधायक बने, तब छत्तीसगढ़ अलग राज्य नहीं था बल्कि मध्य प्रदेश का हिस्सा था. इसके बाद वह 1999 में सांसद का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट में उन्हें 2014 से 2019 तक केन्द्रीय राज्यमंत्री के रूप में इस्पात खनन एवं श्रम रोजगार विभाग मंत्रालय संभालने का जिम्मा मिला.
विष्णुदेव साय 2020 से 2022 तक छत्तीसगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. 2022 से विशेष आमंत्रित राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में रहे. 2023 के विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को 25 हजार 787 मतों से पराजित कर ये फिर विधायक बने.
विष्णुदेव साय की दो बेटियां और एक बेटा है. पहली बेटे निवृति साय की शादी जिला धमतरी के फसरपानी में हुई है. दूसरी बेटी स्मृति साय रायपुर में ही प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही है. बेटा तोसेन्द्र देव साय फिलहाल रायपुर में कॉलेज की पढ़ाई कर रहे हैं.
विष्णुदेव साय क्यों बने मुख्यमंत्री?
छत्तीसगढ़ में बीजेपी को इस बार मिली जीत के पीछे आदिवासी वोटर्स का बड़ा हाथ है. छत्तीसगढ़ की 90 सीट में आदिवासियों के लिए 29 सीट आरक्षित हैं. 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 27 सीट पर जीत मिली थी. इस बार बीजेपी को 17 सीट पर जीत मिली. एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को मिली. कांग्रेस को सिर्फ 11 सीट पर जीत मिली.
विष्णुदेव साय आदिवासी समुदाय से आने वाले बड़े चेहरों से शुमार होते रहे हैं. छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीट में से 4 सीट आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित हैं. बस्तर, सरगुजा, रायगढ़ और कांकेर सीट आदिवासी आरक्षित सीट हैं. बीजेपी की रणनीति 2024 के चुनाव में भी आदिवासी वोटर्स को लुभाने की है. छत्तीसगढ़ की इस रणनीति से बीजेपी इससे सटे मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों को भी साधने की कोशिश कर रही है. इन दोनों राज्यों में भी आदिवासी समुदाय सियासत की कुंजी अपने पास रखता है.
ADVERTISEMENT