Bengal BJP: लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए की सरकार तीसरी बार बन गई. मोदी फिर से प्रधानमंत्री बन गए. सब ठीक चल रहा है. बस कमजोर दो कड़ियां हैं. एक बीजेपी को अकेले बहुमत नहीं मिला. दूसरा एनडीए सरकार टीडीपी-जेडीयू जैसे पार्टनर पर निर्भर हो गई. जिन राज्यों में बीजेपी अच्छा नहीं सकी वहां से रह-रहकर चिंगारी सुलग रही है. यही बीजेपी की टेंशन है और यही इंडिया गठबंधन का सुख है.क्या पिछले 10 साल में जो नहीं हुआ वो अब हो सकता है? जो कांग्रेस में होता रहा वही हो सकता है बीजेपी में हो? तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि बंगाल में बीजेपी के तीन सांसद पाला बदलने की तैयारी में हैं. तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने कहा कि बीजेपी के तीन सांसदों ने तृणमूल कांग्रेस से संपर्क किया है.
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सीटों के मामले में BJP से आगे निकल जाएगा INDIA!
बीजेपी कमजोर-सी दिखने लगी इसीलिए पार्टी टूटने की अटकलें शुरू हुई हैं. हालांकि तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने ये नहीं बताया कि वो कौन तीन सांसद हैं जो तृणमूल में आना चाहते हैं. साकेत गोखले ने यहां तक भविष्यवाणी कर दी कि तीन सांसदों ने पाला बदला तो बीजेपी 237 पर आ जाएगी. इंडिया गठबंधन का नंबर 237 से 240 हो जाएगा. मोदी का अस्थिर गठबंधन ज्यादा दिन तक नहीं टिकने वाला है.
चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने एक और खेल किया था. कहने को इंडिया गठबंधन में रहीं लेकिन बंगाल में कांग्रेस के साथ अलायंस तोड़ दिया. चुनाव बाद खरगे के इंडिया गठबंधन की बैठक हुई तो उन्होंने पार्टी नेताओं को भेजा. नतीजे के बाद ममता बनर्जी ने भविष्यवाणी कर दी कि इंडिया गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया. इसका मतलब ये नहीं है कि आगे इसकी कोशिश नहीं करेगा. कुछ समय इंतजार करते हैं.
सवाल ये है कि क्या ममता किसी मास्टर प्लान पर काम कर रही हैं जिसका ट्रेलर साकेत गोखले ने दिखाया या बीजेपी वालों को मैसेज दिया कि पाला बदलेंगे तो सचमुच कुछ हो सकता है. सचमुच ऐसा कुछ चल भी रहा है तो इसका ढिंढोरा पीटकर बीजेपी को अलर्ट करने की क्या जरूरत थी? ममता बनर्जी मोदी शपथ में शामिल होने दिल्ली नहीं आईं. सांसद सागरिका घोष ने दावा किया कि शपथ के समय ममता बनर्जी अपने घर में थी और सारी लाइटें बंद करके अंधेरे में बैठी थीं. विरोध इसलिए कि जनादेश खोने के बाद भी मोदी पीएम बन गए.
BJP के कुछ नेताओं ने TMC से डील की हुई है?
विष्णुपुर सीट से अपनी पूर्व पत्नी सुजाता को हराकर चुनाव जीतने वाले सौमित्र खान ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस से गुप्त समझौता किया हुआ था. ऐसा नहीं होता तो बीजेपी ज्यादा सीटें जीतती. किसी जमाने में ममता बनर्जी के करीबी रहे सुवेंदु अधिकारी अपनी पार्टी में निशाने पर हैं. आरोप लग रहे हैं कि 42 में से 34 सीटों पर सुवेंदु ने उम्मीदवार चुने थे. सिर्फ सात जीत पाए. दिलीप घोष, सुकांत मजूमदार, सौमित्र खान जैसे बड़े नेताओं का मेन टारगेट सुवेंदु अधिकारी हैं. पार्टी के नीति-नीयत पर सवाल उठा रहे हैं.
सुकांत मजूमदार, सौमित्र खान चुनाव जीतकर सवाल उठा रहे हैं, दिलीप घोष अपना चुनाव हारकर. कीर्ति आजाद से दुर्गापुर बर्धमान सीट से हारने वाले पूर्व बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कहा कि पार्टी में सब ठीक नहीं. पुराने कार्यकर्ता की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए.
चुनाव में बीजेपी को हुआ नुकसान
2019 में बंगाल का लोकसभा चुनाव लगभग बराबरी पर छूटा था. 12 सीटें हारकर तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटें जीती थी. बीजेपी 16 सीटें जीतकर 18 पर पहुंच गई थी. 2024 में भी बीजेपी ने 35 सीटें जीतने का टारगेट रखा लेकिन खेल ममता बनर्जी ने किया. लगभग बराबरी वाला मैच 2024 में तृणमूल कांग्रेस ने एकतरफा कर दिया. बीजेपी 6 सीटें हारकर 12 पर रूक गई. तृणमूल कांग्रेस 7 ज्यादा सीटें जीतकर 29 पर पहुंच गई. बंगाल में बीजेपी के बड़े चेहरे दिलीप घोष, अग्निमित्रा पॉल, अर्जुन सिंह, रेखा पात्रा भी चुनाव हार गए.
वैसे सांसद पाला बदलना चाहें भी तब दल-बदल कानून के कारण ऐसा कर नहीं पाएंगे. फिर भी बीजेपी किन्हीं तीनों सांसदों ने मन बना भी लिया तो कई रास्ते हैं जिससे बीजेपी में रहकर भी तृणमूल कांग्रेस के साथ दिख सकते हैं. बंगाल बीजेपी ने साकेत गोखले के दावे को बेसलेस, दिन में सपने देखना कहकर पंचर किया है. बीजेपी के किसी सांसद ने भी ममता बनर्जी या तृणमूल के समर्थन में कोई बयान देकर साकेत गोखले के दावे को फिलहाल हवाहवाई बनाए रखा है.
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