Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर की प्रमुख पार्टी नेशनल कांफ्रेंस (NC) भी क्या अब विपक्ष के इंडिया (INDIA) गठबंधन का हिस्सा नहीं है? ये सवाल पार्टी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला के हालिया बयान के बाद खड़ा हो गया है. इंडिया गठबंधन में सीटों के समझौते पर चल रही बातचीत के विफल होने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने एकला चलो का फैसला लिया है. यानी आगामी लोकसभा चुनाव में उन्होंने बिना किसी गठबंधन के अकेले दमपर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. इससे भी ज्यादा चौंकाऊ बात यह रही कि फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा के नेतृत्व वाले NDA के साथ जाने की संभावनाओं को भी खारिज नहीं किया है.
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वैसे उनके बेटे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी का NDA से कोई वास्ता नहीं और ना आगे NDA के साथ जाएंगे. पर उमर भी यह जरूर कह रहे हैं इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग को लेकर कोई बात नहीं हुई है.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गजब के सियासी खेल देखने को मिल रहे हैं. कांग्रेस के नेतृत्व में बने विपक्षी गठबंधन INDIA के साझेदार बिखर रहे हैं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के NDA गठबंधन में रोज नए चेहरे शामिल होते दिख रहे हैं. बिहार में नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी और महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण ये वो प्रमुख नाम हैं जिन्होंने हाल-फिलहाल में INDIA अलायंस या फिर कांग्रेस को बाय-बाय बोला है और NDA का दामन थामा है. अब फारूक अब्दुल्ला का अकेले लड़ने का ऐलान INDIA अलायंस और कांग्रेस के लिए बुरी खबर है.
INDIA अलायंस में सीटों पर नहीं हो पाया समझौता: फारूक अब्दुल्ला
इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी बगैर किसी गठबंधन के अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी. इसी के मद्देनजर अगले कुछ दिनों में उनकी पार्टी एक राष्ट्रीय सम्मेलन करने वाली है जिसमे आगे के फैसले लिए जाएंगे. INDIA अलायंस से अलग होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, INDIA में सीट शेयरिंग को लेकर जो बातचीत चल रही थी वो पूरी तरह से विफल रही, उसी के बाद हमने अकेले जाने का फैसला लिया हैं. वहीं बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, भविष्य में NDA में शामिल होने की संभावनाओं से इनकार नहीं कर सकते. फारूक अब्दुल्ला के इस बयान को जम्मू-कश्मीर में सियासी भूचाल के तौर पर देखा जा रहा है. क्योंकि उन्होंने बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर गेम खेल कर चले गए.
फारूक अब्दुल्ला और एनसी की अबतक की सियासी यात्रा
फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस की हालिया सियासी यात्रा की बात करें, तो पार्टी ने 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. 2009 में उनकी पार्टी ने कश्मीर वैली की सभी तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं 2014 के चुनाव में वो एक भी सीट पर जीत नहीं पाई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में वो बिना किसी गठबंधन के अकेल दम पर चुनाव लड़े थे और उनकी पार्टी राज्य की 6 सीटों में से तीन सीटों पर जीतने में कामयाब हुई थी. इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए वो कांग्रेस के गठबंधन INDIA अलायंस के साथ थे लेकिन अब वो फिर से अकेले या फिर NDA के साथ जाने की तैयारी में हैं.
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