Maldives: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव सरकार की मंत्री मरियम शिउना और दूसरे नेताओं द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों के बाद दोनों देशों में हंगामा मचा हुआ. सोशल मीडिया पर भी पिछले तीन दिनों से #ExploreIndianIslands और #BoycottMaldives लगातार ट्रेंड कर रहा है. अब जब मालदीव की इतना चर्चा हो ही रही है तो, आईए आपको विस्तार से बताते हैं मालदीप के बारे में कि, हर साल कितने भारतीय मालदीव जाते हैं, भारत से मालदीव क्या इम्पोर्ट करता है, और इस बॉयकॉट मूवमेंट से मालदीप की अर्थव्यवस्था पर कितना असर पड़ सकता है.
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नोएडा से भी कम है मालदीव की आबादी
मालदीव और भारत के बीच लगभग 2 हजार किलोमीटर की दूरी है. वहीं, भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी है. मालदीव की आबादी की बात करें तो हिंद महासागर के इस देश की आबादी 5 लाख से थोड़ा ज्यादा है. देखा जाए तो मालदीव की आबादी नोएडा से भी कम है, क्योंकि नोएडा की ही आबादी लगभग 9 लाख है. वहीं, मालदीव का समुद्र सहित कुल क्षेत्रफल लगभग 90 हजार वर्ग किलोमीटर है. मालदीव भौगोलिक रूप से दुनिया के सबसे बिखरे हुए संप्रभु राज्यों में से एक हैं, और सबसे छोटा एशियाई देश है. मालदीव में ज्यादातर मुस्लिम आबादी रहती है.
मालदीव की इकोनमी भी काफी कुछ भारतीय पर्यटक पर निर्भर है. हर साल बड़ी तादाद में भारतीय मालदीव जाते है. 2018 में 90,474, 2019 में 1 लाख 80 हजार से ज्यादा, 2020 में 63 हजार, 2021 में ये आकंड़ बड़कर 2 लाख 93 हजार हो गया, 2022 में 2 लाख 41 हजार तो वहीं 2023 में 13 दिसंबर तक 1 लाख 93 हजार भारतीय पर्यटक मालदीव गए.
अर्थव्यवस्था में 25 फीसदी टूरिज्म का योगदान
आपको बता दें कि मालदीव की अर्थव्यवस्था में लगभग 25 फीसदी योगदान टूरिज्म का है. यानी टूरिज्म सीधे तौर पर मालदीव की GDP का लगभग चौथाई हिस्सा है. रोजगार में भी मालदीव के लोगों के लिए पर्यटन ही सबसे बड़ा आधार है. भारत से औसतन लगभग 2 लाख से ज्यादा टूरिस्ट मालदीव जाते है.
भारत, मालदीव का तीसरा बड़ा व्यापारिक साझेदार
वहीं अगर व्यापार की बात करें तो मालदीव भारत पर निर्भर करता है. भारत 2021 में मालदीव के तीसरे सबसे बड़े व्यापार भागीदार के रूप में उभरा. मालदीव से भारत मुख्य रूप से स्क्रैप धातुएं इम्पोर्ट करता है. जबकि भारत मालदीव को कई तरह के इंजीनियरिंग और औद्योगिक उत्पादों जैसे फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर, सीमेंट एक्सपोर्ट करता है. इसमें चावल, मसाले, फल, सब्जियां और पोल्ट्री जैसे चीजें भी शामिल हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो मालदीव भारत पर काफी निर्भर है और जरा सोचिए अगर भारतीय पर्यटक मालदीव जाना बंद कर देते हैं तो, आप समझ सकते हैं कि वहां की इकॉनमी पर कितना गहरा असर पड़ेगा.
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