कांग्रेस से BJP में गए सुनील जाखड़ देंगे पार्टी को झटका? इस्तीफे की चर्चा हुई तेज

रूपक प्रियदर्शी

• 05:06 PM • 27 Sep 2024

सुनील जाखड़ कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे. लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद पंजाब में पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है. सुनील जाखड़ पार्टी के संपर्क से बाहर हो गए हैं.

BJP Punjab unit chief Sunil Jakhar

BJP's Punjab unit chief Sunil Jakhar

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Sunil Jakhar: लोकसभा चुनाव खत्म होते ही पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी द्वारा कांग्रेस से तोड़कर लाए गए सुनील जाखड़ के इस्तीफे की खबरें तेज़ी से फैल रही हैं. हालांकि, बीजेपी ने इन अफवाहों का खंडन किया है और कहा है कि सुनील जाखड़ का इस्तीफा देने का दावा गलत है. असल में क्या हुआ है, इसका खुलासा तो खुद सुनील जाखड़ ही कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल वह संपर्क से बाहर चल रहे हैं. कहा जा रहा है कि जाखड़ ने इस्तीफा देने के बाद अपना फोन बंद कर दिया है. यह घटनाक्रम तब हो रहा है जब 15 अक्टूबर को पंजाब में पंचायत चुनाव होने वाले हैं.

बीजेपी की लोकसभा में हार

लोकसभा चुनाव में बीजेपी की पंजाब में जिम्मेदारी सुनील जाखड़ के कंधों पर थी. पार्टी ने उन्हें पंजाब का अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. बीजेपी की सभी 13 सीटों पर हार हुई और वह एक भी सीट जीतने में असफल रही. इस हार के बाद से जाखड़ ने पार्टी की आवश्यक बैठकों से दूरी बना ली है. हालांकि, उन्होंने अभी तक औपचारिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है, जिससे अटकलों का बाजार गर्म है.

रवनीत सिंह बिट्टू की एंट्री से नाराजगी

अटकलें लगाई जा रही हैं कि सुनील जाखड़ की नाराज़गी का कारण कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रवनीत सिंह बिट्टू को मिल रही तरजीह हो सकती है. बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं. उन्हें चुनाव हारने के बावजूद केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है. इस कदम से जाखड़ की नाराजगी और बढ़ गई, क्योंकि वह खुद बीजेपी में वरिष्ठ पद पर होने के बावजूद खाली हाथ रह गए.

सुनील जाखड़ का सियासी सफर

सुनील जाखड़, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा स्पीकर रहे बलराम जाखड़ के बेटे हैं. वह खुद भी पंजाब कांग्रेस के बड़े नेता रह चुके हैं. जाखड़ ने 50 साल से अधिक समय तक राजनीति में योगदान दिया और तीन बार विधायक बने. 2017 से 2021 तक उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में काम किया. उन्होंने 2017 में बीजेपी के गुरदासपुर से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 में सनी देओल से हार गए.

बीजेपी में जाखड़ की स्थिति

बीजेपी ने कांग्रेस की अंदरूनी कलह का फायदा उठाते हुए जाखड़ और कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया. जाखड़ को पंजाब बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन वह पार्टी को सफलता दिलाने में असमर्थ रहे. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी पंजाब में एक भी सीट नहीं जीत सकी, जबकि कांग्रेस 7 सीटों पर विजयी रही.

बीजेपी की पंजाब में रणनीति

बीजेपी अब पंजाब में अपने भविष्य को लेकर असमंजस में है. पार्टी ने अब तक ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं खोजा है जिससे वह राज्य में अपनी पकड़ मजबूत कर सके. जब किसान आंदोलन के बाद अकाली दल ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ा, तब से पार्टी पंजाब में अकेली पड़ गई है और उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है.

इस पूरे घटनाक्रम के बीच, सुनील जाखड़ के इस्तीफे की अटकलें पार्टी के लिए और भी चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर रही हैं, खासकर तब जब राज्य में पंचायत चुनाव नजदीक हैं.

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