Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे है. कांग्रेस के छह विधायकों के पहले बीजेपी के पक्ष में वोटिंग करने फिर बीजेपी के खेमे में शामिल होने की खबर ने प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की मुश्किलें बढ़ा दी है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के छह बागी विधायक कल वोटिंग के बाद हरियाणा के पंचकुला आ गए थे. उनके साथ निर्दलीय तीन विधायक भी थे. इन्हीं की बदौलत बीजेपी अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की जुगत में है. वहीं कांग्रेस आलाकमान ने भी पार्टी के असंतुष्ट छह विधायकों से बातचीत करने के लिए भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को लाइनअप किया हुआ है और ये दोनों नेता शिमला पहुंच रहे है.
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जानकारी के मुताबिक, हिमाचल में तेज सियासी उठापटक के बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने पार्टी विधायकों के साथ आज यानी बुधवार को राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और कांग्रेस की सरकार के बहुमत परीक्षण की मांग की हैं.
आइए हम आपको बताते हैं हिमाचल में हो रहे इस सियासी बवाल की पूरी कहानी.
पहले जानिए राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ? जहां से शुरू हुआ पूरा खेल
बीते दिन राज्य में राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई. प्रदेश में lविधानसभा की 68 सीटों में से कांग्रेस के पास 40 तो वहीं बीजेपी के पास 25 सीटें है, अन्य के पास 3 सीटें है. राज्यसभा चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए 33 विधायकों के वोटों की दरकार थी. कांग्रेस के पास बहुमत का नंबर था लेकिन वोटिंग के दौरान असल खेल हो गया. कांग्रेस के 6 विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी वहीं निर्दलीय तीन विधायकों ने भी बीजेपी के पक्ष में वोटिंग कर दिया. तब कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी के हर्ष महाजन को 34-34 वोट मिले. कांग्रेस-बीजेपी के बीच टाई होने पर पर्ची से ड्रॉ निकाला गया, जिसमें कांग्रेस इसमें हार गई और बीजेपी के हर्ष महाजन जीत गए. कांग्रेस के छह विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन की जीत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को भी अस्थिर कर दिया है.
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के बाद कांग्रेस के छह विधायक शिमला से हरियाणा के लिए रवाना हो गए थे. माना ये जा रहा है कि, वे भाजपा के संपर्क में हैं और उन्हीं की बदौलत बीजेपी प्रदेश में सत्ता परिवर्तन करने की योजना में है. इसी के तहत बीजेपी ने प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात करते हुए विधानसभा में कांग्रेस सरकार के बहुमत परीक्षण की मांग की है.
डीके शिवकुमार ने ट्वीट करते हुआ लिखा-
कांग्रेस आलाकमान के निर्देशानुसार मैं हिमाचल प्रदेश पहुंच रहा हूं. किसी भी अफवाह में शामिल होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि मुझे विश्वास है कि, कांग्रेस पार्टी के विधायक पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे और जो जनादेश उन्हें दिया गया है उसका पालन करेंगे.
डीके आगे लिखते हैं कि, चिंता की बात यह है कि, सत्ता हासिल करने के मामले में भाजपा किस हद तक जा रही है. बीजेपी ऐसा करके जानबूझकर लोकतंत्र और सार्वजनिक जनादेश को कुचलने का प्रयास कर रही है.
क्या है बीजेपी के सामने अड़चन?
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को ये डर है कि, उसके विधायकों को विधानसभा से निलंबित किया जा सकता है ताकि कांग्रेस के लिए बिना वोटिंग में बटवारें के बजट को आसानी से पारित कराया जा सके. क्योंकि अगर कांग्रेस सरकार विधानसभा में बजट पारित नहीं करा पाती है तो उसकी सरकार गिर जाएगी. बीजेपी के सामने चुनौती ये भी है कि कांग्रेस ने अपने हनुमान यानी कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को मोर्चे पर लगा दिया है. डीके जोड़-तोड़ की सियासत में माहिर हैं और कई बार कांग्रेस के लिए पालनहार साबित हुए है. वहीं कांग्रेस ने इसी बीच अपने विधायकों को नोटिस दिया गया है और दोपहर एक बजे तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.
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