राजस्थान के 5 सबसे मशहूर मंदिर जहां दर्शन करने उमड़ते हैं लाखों भक्त, आप भी एक बार जरूर जाएं घूमने

Rajasthan: राजस्थान अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए पूरी दुनियाभर में मशहूर है. यहां कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी सुंदरता, वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं. दुनियाभर से लाखों लोग यहां दर्शन करने के लिए खिंचे चले आते हैं. त्योहारों पर जब इन मंदिरोंको सजाया जाता है तो इनकी सुंदरता देखते ही बनती है.

Rajasthan Famous Temple: राजस्थान के 5 सबसे मशहूर मंदिर जहां दर्शन करने उमड़ते हैं लाखों भक्त, आप भी एक बार जरूर जाएं घूमने

Rajasthan Famous Temple: राजस्थान के 5 सबसे मशहूर मंदिर जहां दर्शन करने उमड़ते हैं लाखों भक्त, आप भी एक बार जरूर जाएं घूमने

राजस्थान तक

• 07:23 AM • 15 Feb 2024

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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राजस्थान के उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित सांवरिया सेठ मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है.

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राजस्थान के पाली जिले में स्थित रणकपुर के जैन मंदिर जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थस्‍थलों में से एक है.

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जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित गोविंद देव जी मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को राजा सवाई जयसिंह द्वितीय वृंदावन से लाए थे.

Rajasthan: राजस्थान अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए पूरी दुनियाभर में मशहूर है. यहां कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी सुंदरता, वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं. दुनियाभर से लाखों लोग यहां दर्शन करने के लिए खिंचे चले आते हैं. त्योहारों पर जब इन मंदिरोंको सजाया जाता है तो इनकी सुंदरता देखते ही बनती है. अगर आप कभी राजस्थान की यात्रा करते हैं तो आपको इन खूबसूरत मंदिरों का दीदार करना चाहिए. आज हम राजस्थान के ऐसे ही 5 सबसे मशहूर मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए.

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मेहंदीपुर बालाजी मंदिर- राजस्थान के दौसा जिले में स्थित यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. इसमें प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी की मूर्ति है जिन्हें बालाजी के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है जहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान बालाजी यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन बांदीकुई है जो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. इस मंदिर के दर्शन के लिए हवाई मार्ग से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां से निकटतम हवाई अड्डा जयपुर है जो देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. 

सांवरिया सेठ मंदिर- राजस्थान के उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित सांवरिया सेठ मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और चमत्कारिक घटनाओं के लिए जाना जाता है. मंदिर का इतिहास 18वीं शताब्दी का माना जाता है. बताया जाता है कि इस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण की स्वयंभू मूर्ति प्रकट हुई थी. इस घटना के बाद यहां इस मंदिर का निर्माण कर किया गया. सांवरिया सेठ मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. सांवरिया सेठ मंदिर राजस्थान के प्रमुख शहरों से सड़क, रेल और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है. यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन चित्तौड़गढ़ और निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में है.

रणकपुर जैन मंदिर- राजस्थान के पाली जिले में स्थित रणकपुर के जैन मंदिर जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थस्‍थलों में से एक है. यह स्‍थान खूबसूरती से तराशे गए प्राचीन जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. 1444 स्तंभों वाला यह विशाल मंदिर देश के सबसे भव्य जैन मंदिरों में से एक है. इन मंदिरों का निर्माण 15वीं शताब्‍दी में राणा कुंभा के शासनकाल में हुआ था. उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम रणकपुर पड़ा. रणकपुर जैन मंदिर में चार मुख्य मंदिर हैं जो चारों दिशाओं में स्थित हैं. इन मंदिरों को चतुर्मुखी मंदिर कहा जाता है. मुख्य मंदिर के बीच में एक विशाल गर्भगृह है जिसमें आदिनाथ भगवान की मूर्ति है. ये मंदिर उदयपुर से करीब 100 किमी. की दूरी पर स्थित है.

गोविंद देवजी मंदिर- जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित गोविंद देव जी मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को राजा सवाई जयसिंह द्वितीय वृंदावन से लाए थे. इस मंदिर में भगवान कृष्ण की दिन में सात बार आरती होती है और भोग लगाया जाता है. यहां दर्शन के लिए रोजाना बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ लगती है. जन्माष्टमी के अवसर पर यहां खासा रौनक नजर आती है. अगर आप जयपुर में गोविंद देव जी मंदिर घूमने जाएं तो इसके लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच होता है. गोविंद देवजी मंदिर जयपुर एयरपोर्ट से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

दिलवाड़ा के जैन मंदिर- राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू में स्थित ये मंदिर जैन धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. ये अपनी भव्यता, नक्काशी और शिल्पकला के लिए जाने जाते हैं. दिलवाड़ा के जैन मंदिरों में 5 मुख्य मंदिर हैं- विमल वासाही, लूणा वासाही, पितलहारा, खत्रिय वासाही और महावीर स्वामी. दिलवाड़ा के जैन मंदिरों का निर्माण चालुक्य राजाओं ने 11वीं-13वीं शताब्दी के बीच करवाया था. दिलवाड़ा के जैन मंदिर गुर्जर-मारु शैली में बनाए गए हैं. इन्हे बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है जिससे ये अत्यंत खूबसूरत नजर आते हैं. देलवाड़ा जैन तीर्थ पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर है.

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