राजस्थान उपचुनाव के बीच BJP का लगा बड़ा झटका, इस नेता ने पार्टी से दिया इस्तीफा

ललित यादव

06 Nov 2024 (अपडेटेड: Nov 6 2024 11:31 AM)

Rajasthan By-Elections: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है, नागौर की खींवसर सीट पर चुनाव से पहले बीजेपी नेता संजीव डांगावास ने पार्टी छोड़ दी.

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Rajasthan By-Elections: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है, नागौर की खींवसर सीट पर चुनाव से पहले बीजेपी नेता संजीव डांगावास ने पार्टी छोड़ दी. संजीव, पूर्व सांसद स्व. भंवर सिंह डांगावास के बेटे हैं और उन्होंने मंगलवार को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

संजीव डांगावास ने न केवल पार्टी से इस्तीफा दिया, बल्कि उन्होंने जिला परिषद की सदस्यता भी छोड़ दी. अपने इस्तीफे के साथ ही उन्होंने पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा पर भी निशाना साधा, उन्हें "उधार का सेनापति" करार देते हुए यह सवाल उठाया कि रेवतराम को मोहरा क्यों बनाया गया.

पार्टी में उपेक्षा और अपमान झेला: संजीव डांगावास

पत्रकारों के सामने अपने मन की पीड़ा व्यक्त करते हुए संजीव डांगावास ने बताया कि वह और उनके पिता पिछले 30 वर्षों से बीजेपी की सेवा कर रहे हैं, फिर भी उन्हें पार्टी में उपेक्षा और अपमान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में कांग्रेस और अन्य दलों से आए लोगों को मंच पर मुख्यमंत्री के पास बैठाया जा रहा है, जबकि वे, जो सालों से पार्टी का हिस्सा हैं, उन्हें नीचे बैठने के लिए कहा जा रहा है.

शिकायतों की नहीं हुई सुनवाई

डांगावास का आरोप है कि कुछ लोग स्वार्थ की वजह से बीजेपी में आए हैं. ऐसे लोग पहले कांग्रेस को कमजोर कर चुके हैं और अब बीजेपी को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेताओं के सामने अपनी बात रखी थी, लेकिन उनकी शिकायतों को अनसुना कर दिया गया, जिस कारण वह भारी मन से पार्टी को छोड़ रहे हैं.

ज्योति मिर्धा पर साधा निशाना

डांगावास ने यह भी कहा कि "उधार की फौज" के भरोसे जंग नहीं जीती जा सकती. जिला परिषद में भी काम न होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि जिला प्रमुख के चुनाव में उनका नाम था, लेकिन उनसे पैसे मांगे गए. पिछले साढ़े चार सालों में उनके कोई काम नहीं हुए, इसलिए उन्होंने जिला परिषद की सदस्यता भी छोड़ने का निर्णय लिया है. अब वे किसी भी राजनीतिक पार्टी को ज्वाइन नहीं करेंगे और केवल समाज सेवा में ध्यान देंगे.

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