By Election 2024: राजस्थान में कम से कम 5 सीटें जीतना चाहती है बीजेपी, निकाली ये तरकीब    

ललित यादव

17 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 17 2024 9:05 AM)

Rajasthan By Election 2024: राजस्थान में विधानसभा के उपचुनाव का बिजुल बज गया है. बीजेपी प्रदेश की सात में सात सीटों पर खास ध्यान दे रही है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी कम से कम तीन से चार सीटों पर जीत हासिल करना ही चाहती है. राजस्थान में बीजेपी ने उम्मीदवारों के चयन को लेकर पहले दौर की बैठक भी कर ली है.

bhajanlal madan rathore

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Rajasthan By Election 2024: राजस्थान में विधानसभा के उपचुनाव का बिजुल बज गया है. बीजेपी प्रदेश की सात में सात सीटों पर खास ध्यान दे रही है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी कम से कम तीन से चार सीटों पर जीत हासिल करना ही चाहती है. राजस्थान में बीजेपी ने उम्मीदवारों के चयन को लेकर पहले दौर की बैठक भी कर ली है. प्रदेश इकाई की ओर से भेजे गए प्रत्याशियों के पैनल पर दिल्ली की ओर से भी एक्शन शुरु हो चुका है. बीजेपी खास तौर पर जिताऊ उमीदवारों के नाम पर ही चर्चा कर रही है. उपचुनावों में किसको टिकट दिया जाएगा, इस पर बीजेपी की कोर बैठक में रणनीति बनाई जाएगी. 

बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक खींवसर, झुंझुनूं, दौसा, रामगढ़ और देवली-उनियारा पर पार्टी ज्यादा ध्यान दे रही है. इसके पीछे पार्टी ने अलग-अलग वजह भी बताई है. खींवसर सीट पार्टी ने काफी कम अंतर से गंवाई थी. रामगढ़ सीट भी त्रिकोणीय मुकाबले में पार्टी हार गई थी. ऐसे में पार्टी का मानना है कि इन दोनों सीटों पर अगर एक होकर और मजबूत उम्मीदवार उतार कर चुनाव लड़ा जाए तो आसानी से जीत मिल सकती है. 

हरियाणा पैटर्न से झुंझुनूं जीत पाएगी बीजेपी

बीजेपी झुंझुनूं सीट पर हरियाणा पैटर्न के तहत चुनाव लड़ सकती है. देवली-उनियारा में जातिगत समीकरण को पक्ष में करने के लिए नेताओं को एक जाजम पर बैठाने के काम में जुटी हुई है. उधर बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल से मंत्री किरोड़ी बाबा की मुलाकात भी हुई है. कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके किरोड़ीलाल मीणा का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है, बाबा पर भी पार्टी की पूरी निगाह है. किरोड़ी बाबा ने जब इस्तीफा नहीं दिया था, तब उन्हें देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी भी बनाया गया था. बाद में उनकी जगह किसी और को भेजा गया. दौसा वि.स. सीट से उनके भाई भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. दोनों ही सीटों पर किरोड़ी फैक्टर के असर का भी आंकलन किया जा रहा है. बीजेपी पूरा जोर लगा रही है कांग्रेस भी मैदान में डटी है, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा किया है कि बीजेपी को एक भी सीट नहीं जीतने दी जाएगी. 

बीजेपी के लिए चुनाव जीतना अहम क्यों?

राजस्थान में बीजेपी की सरकार को बने दस महीने हो चुके हैं, चुनाव परिणाम आते-आते भजनलाल सरकार का कार्यकाल एक साल के आस-पास पहुंच जाएगा. बीजेपी लगातार ये दावा कर रही है कि जनहित में दस महीने में ही कई बड़े फैसले लिए गए हैं. ऐसे में बीजेपी उपचुनावों में ज्यादा सीटें जीत कर सरकार के दावों पर ठप्पा लगाना चाहती है.

उम्मीदवारों के नामों की जल्द होगी घोषणा

सलूंबर सीट बीजेपी विधायक अमृतलाल मीना के निधन की वजह से खाली हुई थी. सूत्रों के मुताबिक पार्टी यहां सहानुभूति की लहर का फायदा लेना चाहेगी, ऐसे अमृतलाल मीना के परिवार में से ही किसी को टिकट दिए जाने की संभावना ज्यादा है. हो सकता है कि उनकी पत्नी को टिकट मिल जाए. सीएम भजनलाल फिलहाल विदेश दौरे पर हैं उनके विदेश जाने से पहले ही बीजेपी ने कोर कमेटी की बैठक कर ली और संभावित नामों का पैनल बना कर दिल्ली भेज भी दिया. प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी चर्चा भी हो चुकी है, अब सिर्फ अंतिम मुहर लगनी बाकी है. हरियाणा में जीत से बीजेपी काफी उत्साहित है, और अब उसी उत्साह को राजस्थान के उपचुनाव में भी दिखाने की पूरी तैयारी है. 
 

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