सीएम भजनलाल ने पलटा गहलोत सरकार का अहम फैसला, खत्म किए 3 नगर निगम 

Jaipur: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने एक बार फिर बड़ा फैसला लेते हुए पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के एक अहम निर्णय को पलट दिया है. गहलोत सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम बनाए थे.

bhajanlal sharma

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ललित यादव

• 04:38 PM • 29 Mar 2025

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Jaipur: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने एक बार फिर बड़ा फैसला लेते हुए पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के एक अहम निर्णय को पलट दिया है. गहलोत सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम बनाए थे, लेकिन अब भजनलाल सरकार ने इन तीनों शहरों में फिर से एक-एक नगर निगम करने का निर्णय लिया है.

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स्वायत्त शासन विभाग ने इस फैसले को लागू करने के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. यह नया नियम मौजूदा नगर निगमों का कार्यकाल खत्म होने के बाद लागू होगा. यानी अगले नगर निगम चुनाव एक-एक नगर निगम के आधार पर ही होंगे.

राजस्थान में अब 10 नगर निगम, पहले थे 13

इस फैसले के बाद राजस्थान में नगर निगमों की संख्या में कमी आएगी. पहले राज्य में कुल 13 नगर निगम थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 10 हो जाएगी. जयपुर, जोधपुर और कोटा से एक-एक नगर निगम हटने के बाद यह बदलाव देखने को मिलेगा.

जयपुर में अभी दो नगर निगम हैं - जयपुर ग्रेटर और जयपुर हेरिटेज. दोनों नगर निगमों में अलग-अलग महापौर हैं और कुल 250 वार्ड हैं. नए फैसले के बाद जयपुर में अब एक ही नगर निगम होगा, जिसमें वार्डों की संख्या भी 250 से घटकर 150 हो जाएगी. हालांकि, अगले चुनाव तक दोनों महापौर और सभी 250 पार्षद अपने पद पर बने रहेंगे.

गहलोत सरकार ने अक्टूबर 2019 में जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक के बजाय दो-दो नगर निगम बनाए थे. उस समय जयपुर में ग्रेटर और हेरिटेज, जोधपुर में उत्तर और दक्षिण, कोटा में भी उत्तर और दक्षिण नगर निगम बनाए गए थे.

पहले भी बदले जा चुके हैं गहलोत सरकार के फैसले

यह पहली बार नहीं है जब भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के फैसले को बदला हो. इससे पहले भी सरकार ने कई बड़े बदलाव किए हैं. गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान, खासकर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, 17 नए जिले बनाए थे. इस फैसले के बाद राजस्थान में जिलों की संख्या बढ़कर 50 हो गई थी. लेकिन भजनलाल सरकार ने सत्ता में आने के बाद इनमें से 9 जिलों को निरस्त कर दिया. अब राजस्थान में 41 जिले ही बचे हैं. इसके अलावा, गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए संभागों (पाली, बांसवाड़ा और सीकर) को भी भजनलाल सरकार ने खत्म कर दिया है.

क्यों लिया गया यह फैसला?

भजनलाल सरकार का कहना है कि यह फैसला प्रशासनिक सुविधा और बेहतर शासन के लिए लिया गया है. सरकार का मानना है कि बड़े शहरों में दो-दो नगर निगम होने से प्रशासनिक जटिलताएं बढ़ रही थीं. एक नगर निगम होने से संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और शहरों का विकास अधिक व्यवस्थित तरीके से हो सकेगा. साथ ही, सरकार का यह भी तर्क है कि इससे 'एक राज्य, एक चुनाव' की दिशा में कदम बढ़ाने में मदद मिलेगी.
 

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