Deoli-Uniara By Election: राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनाव प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. 13 नवंबर को इन सातों सीटों पर मतदान हुआ, जहां 6 सीटों पर तो मतदान शांतिपूर्वक देखने को मिला. वहीं हॉटसीट देवली-उनियारा सीट पर काफी सियासी संग्राम देखने को मिला, शाम होते-होते वहां पर विवाद बढ़ गया और मामला इतना बड़ा है कि वहां के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की अगले दिन गिरफ्तारी हो गई. अब लोग जाना चाहते हैं कि क्या इस सीट पर नरेश मीणा जीत रहे हैं या हार रहे हैं. इसी बात का जवाब हमें फलोदी सट्टा बाजार की ओर से मिला.
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फलोदी सट्टा बाजार की ओर से संभावना जताई गई कि इस बार राजस्थान में स्थिति बिल्कुल उलट होने वाली है, जिस प्रकार कांग्रेस का उपचुनाव जितने का ट्रेक रिकॉर्ड बीजेपी से अच्छा रहा है लेकिन इस बार बीजेपी बाजी जितती हुई नजर आ रही है. संभावना ऐसी भी जताई जा रही है कि राजस्थान में इस उपचुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलेगा तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. जबकि फलोदी का सट्टा बाजार अनुमान लगा रहा है कि इस उपचुनाव में कांग्रेस 1 से 2 सीटें जीत सकती है.जबकि कुल 7 सीटों में से पांच सीटों पर कांग्रेस काबिज थी.
फलोदी के सट्टा बाजार ने क्या बताया
फलोदी सट्टा बाजार ने अपना ताजा आंकलन में बताया कि प्रदेश में इस बार बीजेपी करीब 5 सीटों पर बाजी मार सकती है. सटोरियों के मुताबिक देवली-उनियारा सीट पर भी भाजपा की जीत हो सकती है. वहीं नरेश मीणा की यहां हार होने की बात कही जा रही है, हालांकि ये सटोरियों का अनुमान है, जिसकी हम पुष्टी नहीं करते हैं.
देवली-उनियारा में 13 नवंबर के दिन क्या हुआ?
13 नवंबर को मतदान के दिन देवली-उनियारा विधानसभा सीट भारी हंगामा देखने को मिला. नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था. जिसके बाद भारी बवाल हुआ. रात को भारी पुलिसबल ने गांव में प्रदर्शनकारी लोगों पर आंसूगैस और मिर्चीबम मारकर भागने की कोशिश की. कई ग्रामीणों को भी चोट लगी. अगली सुबह 14 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार किया.
किस कारण मारा था थप्पड़ खुद बताया
नरेश मीणा ने बताया कि समरावता के ग्रामीणों की शिकायत थी कि उन्हें उनियारा उपखंड से देवली उपखंड में जोड़ दिया गया था. उनकी मांग थी कि उन्हें वापस उनियारा जोड़ा जाए. इसी को लेकर गांववालों ने मतदान का बहिष्कार किया. नरेश मीणा ने बताया कि जब मैं यहां पहुंचा तो लोगों से मैंने वोटिंग करने की बात कही, क्योंकि यह मेरा समर्थित गांव था. लेकिन लोगों ने डीएम से बात करने की बात कही, जिसके बाद मैंने डीएम को यहां बुलवाने के लिए प्रशासन को कहा लेकिन डीएम/एडीएम नहीं आए. प्रशासन ने एक नहीं सुनी. एसडीएम ने आंगनबाड़ी महिला और उनके पति से जबरदस्ती वोट डलवाया. जिसके बाद मैंने एसडीएम को थप्पड़ जड़ा. एसडीएम ने फर्जी वोट डलवाए.
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